Sunday, January 26, 2025

PRAHAR ( KSHANIKAA )

 

                                        प्रहर 


दिन - ब - दिन ,परिस्थितियाँ बदलती हैं दोस्तों ,

अपनी चाल भी उन्हीं के ,साथ बदलती है दोस्तों ,

कहीं पर सहनशक्ति काम करती है ,

और कहीं पर ,सब्र काम चलाता है दोस्तों || 


कहीं पर साथ ,किसी का छूटता है ,

कहीं पर साथ किसी का जुड़ता है दोस्तों ,

हर मौसम को अपनाओ तुम ,

हर पल में ,मुस्काओ तुम दोस्तों || 


जीवन भर मुस्कुराओगे गर ,

तो मुस्कुराएगा हर प्रहर दोस्तों ,

ऐसे चलने पर ही तो ,

मजबूत और खुशहाल ,बन जाएगा जिगर दोस्तों || 


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