Sunday, June 30, 2024

YAADON KA PITAARA ( KSHANIKAA )


                 यादों का पिटारा 


बचपन की यादें ,वो यादों का पिटारा ,

जब खुलता है तो ,लगता है दोस्तों ,

सुंदर सा है ,ये जहां हमारा || 


जीवन के वो ,अनमोल पल ,

यादों में रचे बसे हैं ,

वो खिलौने ,वो सखा हमारे ,

यादों में ही झलकते हैं || 


आज भी लगता है ,कल ही की बात है ,

जीवन के पन्ने पलटने पर ,

वो यादें उभर आती हैं ,

मानस - पटल फिर से भर जाता है || 


सखियों के साथ ,वो सारे प्यारे खेल ,

गुम हो गए जाने कहाँ ,समय के बहने में ?

लगता है सुंदर सपना ,वो हमारे मेल ,

ऐसे ही समय बीता ,ऐसे ही हुए खेल ,

जीवन है अब तक बीत गया ,

मानो समय रीत गया ,ख़त्म हुए खेल || 

 

BARKAT ( JIVAN )

               

                    बरकत 


जीवन के सफर को ,शुरु तो करो दोस्तों ,

राहें खुद -ब - खुद ही ,पार होती जाएँगी ,

प्यार भरी मुस्कान ,होठों पे लाओ दोस्तों ,

दोस्ती और रिश्तों की ,बरकत होती जाएगी || 


कदम जब बढ़ेंगे ,आगे की ओर दोस्तों ,

मंजिलों के निशान भी ,मिलने शुरु हो जाएँगे ,

हौसलों को कभी भी ,कम ना होने दो दोस्तों ,

मंजिलें भी तब तो ,करीब आती जाएँगी || 


हिम्मत और हौसले ही तो ,जरूरी हैं दोस्तों ,

उन्हीं से कदम सभी के ,बढ़ते हैं आगे को ,

तभी तो मंजिलों का पता ,और साथ दोस्तों का ,

मिलने से ही तो ,मंजिलें मिल ही जाएँगी || 


Saturday, June 29, 2024

SAMAY BADAL JAEGA ( KSHANIKAA )


                      समय बदल जाएगा 


सही और सच्चे लोगों का साथ ही ,

गलत को भी ठीक कर देता है ,

समय की रफ़्तार को तो ,कोई नहीं रोक सकता ,

जरा सब्र तो कर लो ,सब ठीक हो जाएगा || 


बुरे लोगों का साथ ही ,सही को गलत कर देता है ,

इसलिए मत रहो ,बुरे लोगों के साथ ,

कर लो समय को ठीक ,जरा सोचो ,

और धीरज रखो ,तो सब ठीक हो जाएगा || 


समय के साथ चलो ,तो सब कुछ ठीक होगा ,

दिल की आवाज सुनो ,

और जीवन को खुश कर लो ,

समय और दिल को ,सब्र में डुबा लो ,

समय बदल   जाएगा  तो  ,

समय को बदल डालो दोस्तों ,बदल डालो दोस्तों || 


Thursday, June 27, 2024

MERI MAA ( SAAMAJIK )


                             मेरी माँ 


यह रचना मेरे नाती   अंश अरोड़ा   (  कक्षा -5 )

के द्वारा लिखी गई है ,कृपया पढ़कर अपनी राय 

अवश्य दें ,और अपना आशीर्वाद भी दीजिएगा || 


इस दुनिया में सबसे आसान और अनमोल शब्द 

है माँ | माँ दुनिया का एकमात्र ऐसा शब्द है ,जिसे 

किसी परिभाषा की जरूरत नहीं ,क्योंकि यह शब्द 

माँ शब्द नहीं ,एक अहसास है | माँ प्रेम ,त्याग और 

सेवा की मूर्ति है | सचमुच ,माँ ईश्वर का प्रतिरूप है || 


मेरी माँ का नाम कल्पना है | मेरी माँ बहुुत समझदार ,

मेहनती और दयालु है | वह हर सुबह सबसे पहले जाग 

जाती है | वह हमारे परिवार का अच्छी तरह से ख्याल 

रखती है | मेरी माँ हमेशा काम में व्यस्त रहती है | मेरी 

माँ गुरु ,मार्गदर्शक और मेरी सबसे अच्छी दोस्त है | वह 

मेरी पढ़ाई के साथ -साथ शिष्टाचार का पाठ भी पढ़ाती 

है | मेरी माँ एक डॉक्टर है || 


  मेरी माँ मेरे मन की हर बात जान लेती है | वह मेरे हर 

सुख -दुःख में मेरा साथ देती है | जब कभी मुझे कोई 

परेशानी होती है ,तब वह मेरी मदद करती है ,और 

मुझमें विश्वास पैदा करती है | मेरी माँ मुझे एक सच्चा 

और अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करती है || 


मैं अपनी माँ से बेहद प्यार करता हूँ | मैं ईश्वर को 

धन्यवाद करता हूँ ,कि उन्होंने मुझे दुनिया की 

सबसे अच्छी माँ दी || 

          वह माँ ही है जिसके रहते ,

         जिंदगी में कोई ग़म नहीं होता ,

         दुनिया साथ दे या ना दे पर ,

         माँ का प्यार कभी कम नहीं होता || 


Wednesday, June 26, 2024

SAHAMATI ( JIVAN )

 

                          सहमति 


राहों से चलकर ,मंजिल मिलती है ,

राहें कैसी भी हों ? सभी पार करनी होती हैं ,

इसलिए दोस्तों ,हिम्मत के साथ राहें पार करो || 


मंजिल पाने के लिए ,हिम्मत के साथ ही ,

मंजिल पाने की लगन ,और धुन भी होनी चाहिए ,

तभी मंजिल तक पहुँच पाओगे दोस्तों || 


अब सोचना यह है कि  सफर में ,

मंजिल जरूरी है या राह जरूरी है ,

मगर मेरी तो सोच कहती है दोस्तों ,

सफर में कोई प्यारा ,साथ जरूरी है ,

क्या आप सब ,मेरी बात से सहमत हैं दोस्तों ?

कृपया जवाब दीजिएगा ||

Tuesday, June 25, 2024

NAVRAATRI ( LEKH )

 

                              नवरात्रि 

यह लेख मेरे नाती  अंश अरोड़ा  ( कक्षा -5 )

द्वारा लिखा गया है ,कृपया पढ़कर अपनी 

राय दीजिएगा ,धन्यवाद | 


विश्व भर में भारत ही ऐसा देश है ,जिसे त्योहारों 

का देश कहा जाता है | यहाँ विभिन्न धर्मों के 

लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं | वे अपनी

 और अन्य धर्मों के त्योहारों को भी बड़ी धूमधाम 

से मनाते हैं | जैसे - मकर संक्रांति ,ईद ,क्रिसमस ,

होली ,दीपावलि ,नवरात्रि आदि | 


नवरात्रि हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले 

त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार है | नवरात्रि - नौ 

दिन चलने वाला एक सबसे लंबा त्योहार है | लोग 

इन नौ दिनों में माँ के नौ अलग - अलग रूपों की 

आराधना करते हैं | रात में गरबा तथा डाँडिया 

खेलने के लिए बड़े - बड़े कार्यक्रम आयोजित 

किए जाते हैं | इस कार्यक्रम में हर धर्म के लोग 

बड़े हर्ष और उल्लास से गरबा तथा डाँडिया

खेलते हैं | 


आठवें तथा नौंवे दिन कन्या पूजन किया जाता 

है | इस दिन कन्या को प्रसाद के रूप में हलवा ,

पूरी ,चने और दक्षिणा स्वरुप पैसे दिए जाते हैं | 

इस त्योहार का समापन दसवें दिन विजयादशमी 

मनाकर किया जाता है | इस दिन माँ की मूर्ति का 

विधि विधान के अनुसार विसर्जन किया जाता है ,

और इस दिन को दशहरे के नाम से भी जाना 

जाता है | इस दिन रावण के पुतले को जलाया 

जाता है ,जो बुराई पर अच्छाई की विजय का 

संदेश  देता है | 


यह त्योहार भक्ति और खुशियों से जुड़ा त्योहार 

है | यह आपसी भाईचारे व लोगों के अंदर 

भक्तिभाव को उत्पन्न करता है | इस त्योहार 

को मनाने के लिए ना सिर्फ बड़े अपितु बच्चे भी 

बहुत उत्साहित रहते हैं |

Monday, June 24, 2024

KHAALI HAATH ( KSHANIKAA )

 

                               खाली हाथ 


जिंदगी साँसों के साथ ,चलती ही जाती है ,

कोई भी रास्ता हो मगर ,ये चलती ही जाती है ,

कहीं भी ये गाड़ी ,रुकती नहीं है दोस्तों ,

ये गाड़ी अपनी मंजिल तक ,चलती ही जाती है || 


कोई इस गाड़ी में चढ़ता है ,कभी भी , कहीं से भी ,

कोई इस गाड़ी से उतरता है ,कभी भी ,कहीं पर भी ,

रफ़्तार ही धीमी होती है ,उस वक्त दोस्तों ,

मगर ये गाड़ी,चलती ही रहती है ,चलती ही रहती है || 


इस गाड़ी पे चढ़ने वाला ,क्या लेकर चढ़ा उसमें ?

पूरे सफर में उसने ,क्या कमाया , क्या बचाया ? 

गाड़ी से उतरते  समय ,उसके पास क्या संजोया था ?

कोई भी इस हिसाब को ,रख नहीं पाया है दोस्तों || 


इस हिसाब को ,ईश्वर ने ही , लगा लिया है  दोस्तों ,

जो कोई इस गाड़ी में चढ़ेगा ,खाली हाथ होगा ,

मगर ईश्वर का लिखा ,भाग्य लेख उसके साथ होगा ,

और गाड़ी से उतरते समय ,

कर्मों का लेख उसके साथ होगा ,

इसीलिए आना भी खाली हाथ ,

जाना भी खाली हाथ दोस्तों || 


Sunday, June 23, 2024

JUDAAV DIL SE ( JIVAN )

 

                  जुड़ाव दिल से  


जुड़ना बहुत ही आसान है दोस्तों ,

मगर उस जुड़ाव को, निभाना है बहुत मुश्किल ,

उस जुड़ाव को दिल से ,तुम निभाओ दोस्तों || 


हर कदम पे,जुड़ाव ख़ुशी देगा ,

तुम्हारे होठों पर मुस्कान लाएगा ,

इसीलिए जुड़ाव को ,दिल से निभाओ दोस्तों || 


रिश्तों में दिल और दिमाग ,दोनों का काम नहीं है ,

दिल से बने रिश्तों की ,उम्र लंबी  होती  है ,

इसीलिए रिश्तों को ,दिल से निभाओ दोस्तों || 


दिल से रिश्तों में ,फूल खिला लो दोस्तों ,

उन फूलों की महक से ,दिल का जहां महका लो दोस्तों ,

उसी महक से दिल के साथ ,

दिमाग को भी महका लो दोस्तों  || 


Saturday, June 22, 2024

WHAT A DREAM ?

 

                           WHAT   A   DREAM  ?


THIS  STORY  IS WRITTEN  BY  MY  

GRAND SON  ANSH  ARORA  ( CLASS  V )


I  work in the king 's castle . My job is to 

guard a small door in the lowest level of 

the Dungeon . For two years ,I 've seen 

nothing . Nobody has come in or out of 

that door .But two days ago ,I heard a faint 

rumbling noise coming from the other side .

And yesterday ,the noise got louder .


I was really scared . In a trembling noise ,

I asked ,''Who ,who's there .'' No one answered .

So I decided to overcome my fear and go 

outside to look what was going on . As I was 

going ,I saw all the animals running in fear . 

As all of them were gone , I saw everything 

and I sprang up on my feet and started to 

run , as fast as the wind .


It was a landslide .I rushed to the king and 

told  him , What had happened ? The king 

then made an announcement . All the 

guards to be called inside and everyone 

to be seated ." Then a courtier splashed 

water on my face and I woke up . I shared

my dream with the courtier and we both 

had a good laugh about the dream .


Please give your good comments and 

blessings to my ANSH  .


 


Thursday, June 20, 2024

APANE ( JIVAN )

 

                                 अपने 


अपने तो अपने होते हैं ,नहीं वो सपने होते हैं ,

दोस्ती हो या रिश्ते हों ,अपने तो अपने होते हैं || 


प्यार में डूबे - डूबे ,मुस्कानों से सजे हुए ,

जिंदगी में रचे बसे ,अपने तो अपने होते हैं || 

 

अपनों की मुस्कानों में ,सबको जीवन मिलता है ,

वह जीवन ही तो कहता है ,अपने तो अपने होते हैं || 

 

मीठे बोलों में डूबकर ,जो बातचीत होती है ,

वही तो जाहिर करती है ,अपने तो अपने होते हैं || 

 

रंगों में डूबी जिंदगी ,जब जहां को रंगीन करती है ,

तभी तो हम जान पाते हैं ,अपने तो अपने होते हैं || 

 

 

Wednesday, June 19, 2024

VO BAATEN ( JIVAN )

 

                        वो बातें 


बचपन से थे तुम दोस्त हमारे ,

क्यों दूसरे शहर तुम चले गए ?

क्यों दूसरा बसेरा बना लिया ?

क्या तुमको याद नहीं आती ?

वो खेल - खिलौने ,वो बातें || 


सपनों में जब वो दिन आते ,

दिल मेरा बहुत ही धड़काते ,

मैं बहुत ही खुश हो जाती हूँ ,

यादों में ही खो जाती हूँ ,

यादों को समेट मुस्काती हूँ || 


जीवन ये ही तो होता है ,

यादों का बक्सा होता है ,

तुम भी सपनों में खो जाओ ,

मेरे साथ - साथ ही खिल जाओ ,

यादों को समेट तुम मुस्काओ || 


ना भूलो ,ये जग आना जाना है ,

कर्मों , यादों का खजाना है ,

वो ईश्वर , जो है जादूगर ,

जादू जो अपना चलाता है ,

वो हमें देख मुस्काता है ,मुस्काता है || 


JAB MILE ( PREM )

 

                            जब मिले 


दो कदम तेरे ,दो कदम मेरे ,आगे को चले ,

दो हाथ तेरे ,दो हाथ मेरे ,आपस में मिले ||  


 दो नयन तेरे ,दो नयन मेरे ,चार हुए जब मिले ,

दो शब्द तेरे ,दो शब्द मेरे ,गीत बने जब मिले || 

 

एक दिल तेरा ,एक दिल मेरा ,एक हुए जब मिले ,

दो धड़कनें तेरी ,दो धड़कनें मेरी ,एक हुईं जब मिलीं || 


एक सुर तेरा ,एक सुर मेरा ,संगीत बना जब मिले ,

एक जीवन तेरा ,एक जीवन मेरा ,एक हुए जब मिले || 



Monday, June 17, 2024

KAANOON ISHWAR KAA ( AADHYAATMIK )

 

                        कानून ईश्वर का 


ईश्वर ने दुनिया को बनाया ,उसमें कुछ कानून बनाए ,

जन्म लेगा जो इस दुनिया में ,एक दिन वापस जाना होगा || 


सारा जीवन यहाँ बिताएगा ,रिश्ते और दोस्त बनाएगा ,

मगर एक दिन इस दुनिया से ,सब कुछ छोड़ के जाएगा || 


सभी दोस्त और रिश्ते उसके ,यहीं उसका साथ निभाएँगे ,

जाते हुए साथ उसके ,कोई दौलत नहीं जा पाएगी || 


प्यार में गर जीवन बीता ,आँसू सभी को दे जाएगा ,

वरना अपने जीवन से ,सभी को मुक्ति  जाएगा || 


जीवन भर कर्म करेगा वो ,अच्छे या बुरे सभी कर्म उसके ,

ईश्वर की उस अदालत में ,नापे और तोले जाएँगे ,

अच्छे कर्मों का लेखा - जोखा ही ,अंत में साथ उसके जा पाएगा || 


ऐसे में ईश्वर साथ रखेगा उसको ,और प्यार उसे देगा ,

ईश्वर के प्यार में डूबकर ,वो शांति पाएगा || 


Sunday, June 16, 2024

DIN AAE ( KSHANIKAA )

 

                       दिन आए 


रंगों भरा इंद्रधनुष ,चमकने के दिन आए ,

प्यार में दिल ,धड़कने के दिन आए ,

सुंदर लय ,ताल के खनकने के दिन आए   || 


बगिया में भी कलियाँ ,चटखने के दिन आए ,

धीरे - धीरे दोस्तों ,फूलों के खिलने के दिन आए ,

उन फूलों से दुनिया के ,महकने के दिन आए || 


मीठे शब्दों की रचना के ,लिखने के दिन आए ,

उस रचना को ,गुनगुनाने के दिन आए ,

गुनगुनाने के बाद दोस्तों , मुस्कुराने के दिन आए || 


Saturday, June 15, 2024

MAHAKAA LO ( JIVAN )

 

                                महका लो 

 

 मुस्कुराहटों में ,डूबकर तो देखो दोस्तों ,

क्या - क्या मिलता है ईनाम में ?

मिलेंगी मुस्कानें दोस्तों की ,

मिलेंगी मुस्कानें सभी रिश्तों की ||

 

इन्हीं  मुस्कुराहटों को ,

जीवन में बनाए रखो दोस्तों ,

कुछ नहीं खोएगा तुम्हारा ,

जीवन सुंदर बन जाएगा तुम्हारा ,

हर कदम मानो फुलवारी में पड़ेगा तुम्हारा || 


जब फुलवारी ,क़दमों के नीचे होगी दोस्तों ,

जीवन महक जाएगा तुम्हारा ,

फूलों की महक ,साँसों की महक बन जाएगी ,

साँसों को भरपूर महका लो दोस्तों ,महका लो दोस्तों || 


Thursday, June 13, 2024

AATMSAMMAAN ( JIVAN )

 

                           आत्मसम्मान 


क्रोध से हमेशा ,दूर रहो दोस्तों ,

क्रोध से क्या ,गुम हो जाता है दोस्तों ?

क्रोध से दोस्त दूर हो जाते हैं ,

क्रोध से सभी रिश्ते गुम हो जाते हैं || 

 

क्रोध से उत्पन्न होता है तनाव ,

तनाव से खुशियाँ दूर हो जाती हैं ,

खुशियों को तो पास रहना चाहिए दोस्तों ,

क्रोध को दूर  भगाकर ,

खुशियों को उसकी जगह दे दो दोस्तों ||   


खुशियों को इकठ्ठा करने के चक्कर में ,

आत्मसम्मान को ना खो देना दोस्तों ,

अपने आत्मसम्मान को बनाए रखना दोस्तों ,

जीवन में आत्मसम्मान से बढ़कर ,

मूल्यवान कुछ नहीं है दोस्तों || 


Wednesday, June 12, 2024

VISHWAAS KARO MERA ( JIVAN )

 

                 विश्वास करो मेरा 


छलछलाते झरनों के करीब ,हम जो पहुँचे दोस्तों ,

झरने ने कहा ,"आओ ,जरा !

स्वाद तो चखो मेरे जल का ,"

हमने जब चखा ,उसके जल का स्वाद ,

तो मदहोश हो गए हम ,उस जल के स्वाद से ,

इतना शीतल और मीठा जल ,

हमने पहले नहीं चखा था || 

 

"बहुत शीतल और मीठा जल है तुम्हारा ,

लाते हो तुम कहाँ से ,बताओ तो जरा ?"

 झरने ने उत्तर दिया ," प्रकृति की देन है यह जल ,

ईश्वर का प्रसाद है यह जल ,

कभी इसे दूषित ना करना ,

इसको कभी व्यर्थ ना बहाना दोस्त || "


"नहीं दोस्त ,तुम विश्वास करो मेरा ,

मैं कभी तुम्हारे जल को दूषित नहीं करूँगा ,

व्यर्थ नहीं बहाऊँगा ,संचित करके रखूँगा ,

विश्वास ,विश्वास ,विश्वास करो मेरा || " 


Tuesday, June 11, 2024

CHHUK - CHHUK - CHHUK ( JIVAN )

 

                     छुक - छुक - छुक 


जिंदगी की रेलगाड़ी ,चली जो छुक - छुक - छुक ,

चलती गई गाड़ी ,तेजी से छुक -छुक -छुक || 


गाड़ी में बैठे यात्री ,आनंद लेते रहे ,

यात्रा का रास्ता ,पार होता जा रहा ,

चलती जा रही गाड़ी ,छुक -छुक -छुक || 


खिड़की से दिखता ,बाहर का सुंदर नजारा ,

आँखों को बहुत भाता ,वह सुंदर नजारा ,

दौड़ी जा रही गाड़ी ,छुक -छुक -छुक || 


आता जब कोई स्टेशन ,  कुछ यात्री उतरते ,

कुछ यात्री कम हो जाते , कम हो जाते ,

इसी तरह चलती गाड़ी ,छुक -छुक -छुक || 


इसी तरह दोस्तों ,अपना स्टेशन भी आएगा ,

हम भी वहाँ उतरेंगे ,कुछ यात्रियों के साथ ,

मगर चलती रहेगी गाड़ी ,छुक -छुक -छुक || 


Monday, June 10, 2024

NABH MEIN ( JIVAN )

 

                  नभ में 


इंद्रधनुष ,खिल गया है गगन में ,

रंगों भरा इंद्रधनुष ,खिला है गगन में ,

बरखा थमी ,इंद्रधनुष खिला है गगन में || 


रंग पाए उसने ,भानु किरणों से ,

राह पाई किरणों ने , जल - कणों से ,

उन्हीं रंगों से रंगा है आज ,

इंद्रधनुष , आसमां की छत में || 


फैला जब रंग ,भानु किरणों का ,

उन्हीं से बन गया ,देखो तो इंद्रधनुष ,

शोभा बढ़ाई उसने ,नीलगगन की ,

खिल - खिल के चमका ,इंद्रधनुष नभ में || 


क्या सुंदर नजारा है ,आज तो ?

देख इंद्रधनुष ,चमक उठे है नयना ,

बड़ों और बच्चों ,सभी को है भाया ,

यह इंद्रधनुष ,यह रंगों भरा  इंद्रधनुष || 


SUNDAR SAMAY ( JIVAN )

 

                         सुंदर समय 


दुनिया है रैन बसेरा अपना ,

कोई ना जाने ,कितना समय है यहाँ बिताना ,

जितना भी समय हो दोस्तों ,

स्वस्थ ,मस्त और सुंदर हो अपना  || 


मगर उस समय को ,सुंदर बनाएँ कैसे ?

जो कुछ हमें मिला है ,उसी में खुश रहें ,

उसे नहीं गिनें ,जो हमें नहीं मिला ,

यही फार्मूला है ,समय को सुंदर बनाने का || 


दुनिया में किसी से ,

कोई उम्मीद ना रखो दोस्तों ,

स्वयं को मजबूत बनाओ दोस्तों ,

उम्मीद सिर्फ दुनिया ,रचने वाले से रखो ,

तभी तुम आगे के ,

समय को सुंदर बनाओगे दोस्तों ||

Sunday, June 9, 2024

KAISE ? ( JIVAN )

 

                         कैसे  ?


कोई नहीं समझ सकता ,दूजे किसी के भावों को ,

नहीं तोल सकता कोई ,प्रयोग कर किसी तराजू को || 


तराजू सिर्फ भार बता सकती है ,

मगर भावों का कोई भार नहीं होता ,

उनकी तो गहराई होती है बंधु || 


दीवार की ऊँचाई ,नदिया की गहराई ,

नाप लेते हैं फीतों से ,मगर भावों की गहराई ,

तो किसी भी फीते में ,ये शक्ति नहीं है बंधु || 


इसी प्रकार किसी की ,सोच की ऊँचाई ,

कोई फीता नहीं नाप सकता ,कैसे नापेगा ? 

जरा बताओ तो ,जरा बताओ तो || 


Thursday, June 6, 2024

FALAK TAK ( CHANDRAMA )

 

                              फलक तक 


धरा से   फलक तक ,सीढ़ी तो लगा दो दोस्तों ,

चढ़कर सीढ़ी पर ,तारों को छू आएँ तो जरा ,

चाँद का पता भी ,मिल जाए गर हमें ,

उसके साथ भी हम ,बतियाँ लें जरा || 


नीले - नीले गगना के ,अँगना में पहुँच कर दोस्तों ,

धीरे - धीरे कदम बढ़ाकर ,सैर तो कर लें जरा ,

पवन का साथ गर ,मिल जाएगा हमें तो ,

उसी के साथ हम भी ,थोड़ी उड़ान भर लें जरा || 


गगना के अँगना में ,तारों  की टोली के साथ मिलकर ,

छुपन - छुपाई जैसा खेल ,खेलें  हम जरा ,

पकड़म - पकड़ाई भी ,हम खेलकर ,

मुस्कानों और खिलखिलाहटों ,को बिखरा लें जरा || 


Wednesday, June 5, 2024

JUNGLE BACHAAO ( KSHANIKAA )

 

                       जंगल बचाओ 


मानव जीवन जब ,पनपा धरा पर ,

तभी से प्रकृति ,लगी उजड़ने ,

जरूरतें बढ़ी मानव की ,और पेड़ लगे कटने || 


पहले बसे गाँव ,और कुछ बने शहर ,

पेड़ों की लकड़ी ,बन गई फर्नीचर ,

नए पेड़ तो वही उगे ,जो ईश्वर ने उगाए  || 


व्यापार बढे ,धन बढ़ने लगा ,

सबसे बड़ी बात ,लालच बढ़ने लगा ,

प्रकृति असहाय सी ,सभी कुछ देखती रही || 


धीरे - धीरे प्रकृति ,हुई क्रोधित ,

बदला लेने लगी ,धरा का तापमान बढ़ने लगा ,

गर्मी बढ़ती गई ,मानव ने गर्मी का ,

एक उपाय निकाला ,एयर कंडीशनर लगवाया || 


मगर क्या यह सही उपाय था ? 

कमरा ,कार ,ऑफिस हो गए ठंडे ,

मगर सब ओर गर्मी ही गर्मी ,

तापमान बढ़ता गया ,उस गर्मी का कारण ,

मानव खुद ही था ,उसी ने ,

प्रकृति को कर दिया बर्बाद || 


सभी एयर कंडीशनर ,अगर बंद हो जाएँ तो ,

तापमान कम हो जाएगा ,गर्मी कम हो जाएगी ,

तो नए पेड़ लगाओ दोस्तों ,जंगल बचाओ दोस्तों ,

तभी तो प्रकृति मुस्कुराएगी ,प्रकृति मुस्कुराएगी || 


Tuesday, June 4, 2024

BATIYAAY ( JALAD AA )

 

                                   बतियाय  


हवा संग जल - कण उड़े ,वाष्प का रूप अपनाय ,

पहुँचे गगन के आँगना ,डेरा लिया जमाय || 


मिल - मिल  के जल - कण बहुत ,जलद का रूप बनाय ,

डोलत रहे पवन संग , इधर - उधर बतियाय || 

 

आई दामिनी दमकती ,जलद को दिया चमकाय ,

देख दामिनी की चमक ,संग में लिया खिलाय || 

 

धरा ने देखा रूप उनका ,दिल में लिया बसाय ,

न्यौता उनको भेजकर ,घर में लिया बुलाय || 

 

आओ - आओ घर मेरे ,स्वीकारो मेरी चाय ,

साथ  उसके हम तीनों ,लेंगे खूब बतियाय || 

 

Sunday, June 2, 2024

ANUBHAV ( KSHANIKAA )

 

                                  अनुभव 


हर पल ,हर कार्य ,कोई ना कोई सीख देता है ,

उन्हीं को समेट लीजिए ,इकठ्ठा कर लीजिए ,

उन्हीं से अनुभव ,मिल जाएँगे आपको || 


जो भी अनुभव मिलें ,उन्हें लेते जाइए ,

चाहे अनुभव स्वयं के हों ,चाहे आपके अपनों के ,

सभी के अनुभवों से ,

नई - नई सीख मिलेंगी आपको || 


जिंदगी की राहों में ,भिन्न प्रकार के कार्यों ,में 

ना जाने कौन सा ,अनुभव काम आ जाए ?

कौन सा अनुभव ,आपके कार्यों को सरल कर जाए ? ?


कौन सा अनुभव ,राहों को मंजिल से मिला जाए ?

ना जाने कौन सा अनुभव ,जीवन की दिशा ही बदल जाए ?? 


Saturday, June 1, 2024

ANOKHAA BICHHONAA ( RATNAAKAR )

 

                  अनोखा बिछौना 


ऐ सागर की लहरें बोलो ,हाथ पकड़ के तुम चलो ,

सागर की दुनिया घुमाओ ,सारे उसके छोर दिखाओ ||  


लहरों तुम अपना बना बिछौना ,मुझको उस पर लिटाओ ,

गुदगुदे से उस बिछौने पर ,

लिटा मुझे सागर की दुनिया दिखाओ || 


कैसी दुनिया सागर की ? रंग -बिरंगे ,

छोटे  -बड़े जीव सभी, सारी उसकी वनस्पति का ,

तुम मुझको दर्शन कराओ || 


लहरोंतुम मेरी प्यारी सहेली ,

बिछौना तुम्हारा बहुत गुदगुदा ,

मुस्कानें मेरी जगा गया ,शीतलता भी दिला गया || 


रत्नाकर के घर में ,अनगिनत रत्नों का खजाना है ,

उन रत्नों को देखकर ही तो ,

रत्नाकर के खजाने का पता चलता है || 


सागर की लहरों पर लेटी ,मैं खुश होती जा रही ,

और मेरे होठों पर मुस्कान खिलती जा रही ||