बरकत
जीवन के सफर को ,शुरु तो करो दोस्तों ,
राहें खुद -ब - खुद ही ,पार होती जाएँगी ,
प्यार भरी मुस्कान ,होठों पे लाओ दोस्तों ,
दोस्ती और रिश्तों की ,बरकत होती जाएगी ||
कदम जब बढ़ेंगे ,आगे की ओर दोस्तों ,
मंजिलों के निशान भी ,मिलने शुरु हो जाएँगे ,
हौसलों को कभी भी ,कम ना होने दो दोस्तों ,
मंजिलें भी तब तो ,करीब आती जाएँगी ||
हिम्मत और हौसले ही तो ,जरूरी हैं दोस्तों ,
उन्हीं से कदम सभी के ,बढ़ते हैं आगे को ,
तभी तो मंजिलों का पता ,और साथ दोस्तों का ,
मिलने से ही तो ,मंजिलें मिल ही जाएँगी ||
No comments:
Post a Comment