Wednesday, June 19, 2024

VO BAATEN ( JIVAN )

 

                        वो बातें 


बचपन से थे तुम दोस्त हमारे ,

क्यों दूसरे शहर तुम चले गए ?

क्यों दूसरा बसेरा बना लिया ?

क्या तुमको याद नहीं आती ?

वो खेल - खिलौने ,वो बातें || 


सपनों में जब वो दिन आते ,

दिल मेरा बहुत ही धड़काते ,

मैं बहुत ही खुश हो जाती हूँ ,

यादों में ही खो जाती हूँ ,

यादों को समेट मुस्काती हूँ || 


जीवन ये ही तो होता है ,

यादों का बक्सा होता है ,

तुम भी सपनों में खो जाओ ,

मेरे साथ - साथ ही खिल जाओ ,

यादों को समेट तुम मुस्काओ || 


ना भूलो ,ये जग आना जाना है ,

कर्मों , यादों का खजाना है ,

वो ईश्वर , जो है जादूगर ,

जादू जो अपना चलाता है ,

वो हमें देख मुस्काता है ,मुस्काता है || 


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