फलक तक
धरा से फलक तक ,सीढ़ी तो लगा दो दोस्तों ,
चढ़कर सीढ़ी पर ,तारों को छू आएँ तो जरा ,
चाँद का पता भी ,मिल जाए गर हमें ,
उसके साथ भी हम ,बतियाँ लें जरा ||
नीले - नीले गगना के ,अँगना में पहुँच कर दोस्तों ,
धीरे - धीरे कदम बढ़ाकर ,सैर तो कर लें जरा ,
पवन का साथ गर ,मिल जाएगा हमें तो ,
उसी के साथ हम भी ,थोड़ी उड़ान भर लें जरा ||
गगना के अँगना में ,तारों की टोली के साथ मिलकर ,
छुपन - छुपाई जैसा खेल ,खेलें हम जरा ,
पकड़म - पकड़ाई भी ,हम खेलकर ,
मुस्कानों और खिलखिलाहटों ,को बिखरा लें जरा ||
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