Wednesday, June 26, 2024

SAHAMATI ( JIVAN )

 

                          सहमति 


राहों से चलकर ,मंजिल मिलती है ,

राहें कैसी भी हों ? सभी पार करनी होती हैं ,

इसलिए दोस्तों ,हिम्मत के साथ राहें पार करो || 


मंजिल पाने के लिए ,हिम्मत के साथ ही ,

मंजिल पाने की लगन ,और धुन भी होनी चाहिए ,

तभी मंजिल तक पहुँच पाओगे दोस्तों || 


अब सोचना यह है कि  सफर में ,

मंजिल जरूरी है या राह जरूरी है ,

मगर मेरी तो सोच कहती है दोस्तों ,

सफर में कोई प्यारा ,साथ जरूरी है ,

क्या आप सब ,मेरी बात से सहमत हैं दोस्तों ?

कृपया जवाब दीजिएगा ||

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