Sunday, June 30, 2024

YAADON KA PITAARA ( KSHANIKAA )


                 यादों का पिटारा 


बचपन की यादें ,वो यादों का पिटारा ,

जब खुलता है तो ,लगता है दोस्तों ,

सुंदर सा है ,ये जहां हमारा || 


जीवन के वो ,अनमोल पल ,

यादों में रचे बसे हैं ,

वो खिलौने ,वो सखा हमारे ,

यादों में ही झलकते हैं || 


आज भी लगता है ,कल ही की बात है ,

जीवन के पन्ने पलटने पर ,

वो यादें उभर आती हैं ,

मानस - पटल फिर से भर जाता है || 


सखियों के साथ ,वो सारे प्यारे खेल ,

गुम हो गए जाने कहाँ ,समय के बहने में ?

लगता है सुंदर सपना ,वो हमारे मेल ,

ऐसे ही समय बीता ,ऐसे ही हुए खेल ,

जीवन है अब तक बीत गया ,

मानो समय रीत गया ,ख़त्म हुए खेल || 

 

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