अनोखा बिछौना
ऐ सागर की लहरें बोलो ,हाथ पकड़ के तुम चलो ,
सागर की दुनिया घुमाओ ,सारे उसके छोर दिखाओ ||
लहरों तुम अपना बना बिछौना ,मुझको उस पर लिटाओ ,
गुदगुदे से उस बिछौने पर ,
लिटा मुझे सागर की दुनिया दिखाओ ||
कैसी दुनिया सागर की ? रंग -बिरंगे ,
छोटे -बड़े जीव सभी, सारी उसकी वनस्पति का ,
तुम मुझको दर्शन कराओ ||
लहरोंतुम मेरी प्यारी सहेली ,
बिछौना तुम्हारा बहुत गुदगुदा ,
मुस्कानें मेरी जगा गया ,शीतलता भी दिला गया ||
रत्नाकर के घर में ,अनगिनत रत्नों का खजाना है ,
उन रत्नों को देखकर ही तो ,
रत्नाकर के खजाने का पता चलता है ||
सागर की लहरों पर लेटी ,मैं खुश होती जा रही ,
और मेरे होठों पर मुस्कान खिलती जा रही ||
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