Monday, June 24, 2024

KHAALI HAATH ( KSHANIKAA )

 

                               खाली हाथ 


जिंदगी साँसों के साथ ,चलती ही जाती है ,

कोई भी रास्ता हो मगर ,ये चलती ही जाती है ,

कहीं भी ये गाड़ी ,रुकती नहीं है दोस्तों ,

ये गाड़ी अपनी मंजिल तक ,चलती ही जाती है || 


कोई इस गाड़ी में चढ़ता है ,कभी भी , कहीं से भी ,

कोई इस गाड़ी से उतरता है ,कभी भी ,कहीं पर भी ,

रफ़्तार ही धीमी होती है ,उस वक्त दोस्तों ,

मगर ये गाड़ी,चलती ही रहती है ,चलती ही रहती है || 


इस गाड़ी पे चढ़ने वाला ,क्या लेकर चढ़ा उसमें ?

पूरे सफर में उसने ,क्या कमाया , क्या बचाया ? 

गाड़ी से उतरते  समय ,उसके पास क्या संजोया था ?

कोई भी इस हिसाब को ,रख नहीं पाया है दोस्तों || 


इस हिसाब को ,ईश्वर ने ही , लगा लिया है  दोस्तों ,

जो कोई इस गाड़ी में चढ़ेगा ,खाली हाथ होगा ,

मगर ईश्वर का लिखा ,भाग्य लेख उसके साथ होगा ,

और गाड़ी से उतरते समय ,

कर्मों का लेख उसके साथ होगा ,

इसीलिए आना भी खाली हाथ ,

जाना भी खाली हाथ दोस्तों || 


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