खाली हाथ
जिंदगी साँसों के साथ ,चलती ही जाती है ,
कोई भी रास्ता हो मगर ,ये चलती ही जाती है ,
कहीं भी ये गाड़ी ,रुकती नहीं है दोस्तों ,
ये गाड़ी अपनी मंजिल तक ,चलती ही जाती है ||
कोई इस गाड़ी में चढ़ता है ,कभी भी , कहीं से भी ,
कोई इस गाड़ी से उतरता है ,कभी भी ,कहीं पर भी ,
रफ़्तार ही धीमी होती है ,उस वक्त दोस्तों ,
मगर ये गाड़ी,चलती ही रहती है ,चलती ही रहती है ||
इस गाड़ी पे चढ़ने वाला ,क्या लेकर चढ़ा उसमें ?
पूरे सफर में उसने ,क्या कमाया , क्या बचाया ?
गाड़ी से उतरते समय ,उसके पास क्या संजोया था ?
कोई भी इस हिसाब को ,रख नहीं पाया है दोस्तों ||
इस हिसाब को ,ईश्वर ने ही , लगा लिया है दोस्तों ,
जो कोई इस गाड़ी में चढ़ेगा ,खाली हाथ होगा ,
मगर ईश्वर का लिखा ,भाग्य लेख उसके साथ होगा ,
और गाड़ी से उतरते समय ,
कर्मों का लेख उसके साथ होगा ,
इसीलिए आना भी खाली हाथ ,
जाना भी खाली हाथ दोस्तों ||
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