Monday, June 10, 2024

NABH MEIN ( JIVAN )

 

                  नभ में 


इंद्रधनुष ,खिल गया है गगन में ,

रंगों भरा इंद्रधनुष ,खिला है गगन में ,

बरखा थमी ,इंद्रधनुष खिला है गगन में || 


रंग पाए उसने ,भानु किरणों से ,

राह पाई किरणों ने , जल - कणों से ,

उन्हीं रंगों से रंगा है आज ,

इंद्रधनुष , आसमां की छत में || 


फैला जब रंग ,भानु किरणों का ,

उन्हीं से बन गया ,देखो तो इंद्रधनुष ,

शोभा बढ़ाई उसने ,नीलगगन की ,

खिल - खिल के चमका ,इंद्रधनुष नभ में || 


क्या सुंदर नजारा है ,आज तो ?

देख इंद्रधनुष ,चमक उठे है नयना ,

बड़ों और बच्चों ,सभी को है भाया ,

यह इंद्रधनुष ,यह रंगों भरा  इंद्रधनुष || 


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