Wednesday, June 5, 2024

JUNGLE BACHAAO ( KSHANIKAA )

 

                       जंगल बचाओ 


मानव जीवन जब ,पनपा धरा पर ,

तभी से प्रकृति ,लगी उजड़ने ,

जरूरतें बढ़ी मानव की ,और पेड़ लगे कटने || 


पहले बसे गाँव ,और कुछ बने शहर ,

पेड़ों की लकड़ी ,बन गई फर्नीचर ,

नए पेड़ तो वही उगे ,जो ईश्वर ने उगाए  || 


व्यापार बढे ,धन बढ़ने लगा ,

सबसे बड़ी बात ,लालच बढ़ने लगा ,

प्रकृति असहाय सी ,सभी कुछ देखती रही || 


धीरे - धीरे प्रकृति ,हुई क्रोधित ,

बदला लेने लगी ,धरा का तापमान बढ़ने लगा ,

गर्मी बढ़ती गई ,मानव ने गर्मी का ,

एक उपाय निकाला ,एयर कंडीशनर लगवाया || 


मगर क्या यह सही उपाय था ? 

कमरा ,कार ,ऑफिस हो गए ठंडे ,

मगर सब ओर गर्मी ही गर्मी ,

तापमान बढ़ता गया ,उस गर्मी का कारण ,

मानव खुद ही था ,उसी ने ,

प्रकृति को कर दिया बर्बाद || 


सभी एयर कंडीशनर ,अगर बंद हो जाएँ तो ,

तापमान कम हो जाएगा ,गर्मी कम हो जाएगी ,

तो नए पेड़ लगाओ दोस्तों ,जंगल बचाओ दोस्तों ,

तभी तो प्रकृति मुस्कुराएगी ,प्रकृति मुस्कुराएगी || 


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