कक्षा
रात की कक्षा में , चलो चलें पढ़ने ,
कुछ - कुछ सीखने , कुछ - कुछ गुनने ।
नन्हें - मुन्ने तारे , आए झिलमिलाते ,
ये थे विद्यार्थी , रात की कक्षा के ,
मस्त शरारती , आए थे ये सब पढ़ने ।
अनगिनत विद्यार्थी , कैसे पढेंगे ?
कहाँ ? कौन - सी कक्षा में समायेंगे ?
पर ये क्या ? ये तो लगे आकाश में बिखरने ।
आए अध्यापक जी , गोल - गोल चमकीले चन्द्रमा ,
विद्यार्थियों ने कहा उनको , आए हैं मामा ,
शरारतों में जुट गए जो , आए थे पढ़ने ।
कोई कहीं छिपता , कोई आगे आता ,
उनका ये खेल भई , हमको तो भाता ,
लगता था वो आएँ हैं , चन्द्रमा को परेशान करने ।
क्या हुई पढ़ाई , कोई ना जाने ,
हम भी इस सब में , रहे अनजाने ,
ये सब तो आए हैं , शैतानी करने ।
थके अध्यापक जी , सोचा कि जाएँ ,
आराम करके , कल वापिस आएं ,
सौंपा चार्ज प्रधानाध्यापक को , और लगे निकलने ।
प्रधानाध्यापक रवि जी , कक्षा में आए ,
उनको देखकर तो , विद्यार्थी चकराए ,
सारे के सारे छिप गए , रात के आँचल में ।
रात की कक्षा में , चलो चलें पढ़ने ,
कुछ - कुछ सीखने , कुछ - कुछ गुनने ।
नन्हें - मुन्ने तारे , आए झिलमिलाते ,
ये थे विद्यार्थी , रात की कक्षा के ,
मस्त शरारती , आए थे ये सब पढ़ने ।
अनगिनत विद्यार्थी , कैसे पढेंगे ?
कहाँ ? कौन - सी कक्षा में समायेंगे ?
पर ये क्या ? ये तो लगे आकाश में बिखरने ।
आए अध्यापक जी , गोल - गोल चमकीले चन्द्रमा ,
विद्यार्थियों ने कहा उनको , आए हैं मामा ,
शरारतों में जुट गए जो , आए थे पढ़ने ।
कोई कहीं छिपता , कोई आगे आता ,
उनका ये खेल भई , हमको तो भाता ,
लगता था वो आएँ हैं , चन्द्रमा को परेशान करने ।
क्या हुई पढ़ाई , कोई ना जाने ,
हम भी इस सब में , रहे अनजाने ,
ये सब तो आए हैं , शैतानी करने ।
थके अध्यापक जी , सोचा कि जाएँ ,
आराम करके , कल वापिस आएं ,
सौंपा चार्ज प्रधानाध्यापक को , और लगे निकलने ।
प्रधानाध्यापक रवि जी , कक्षा में आए ,
उनको देखकर तो , विद्यार्थी चकराए ,
सारे के सारे छिप गए , रात के आँचल में ।