अकेला हूँ मैं ?
" अकेला हूँ मैं , इस दुनिया में ",
सुंदर सा गीत लिखा गीतकार ने ,
हम अकेले ही ,दुनिया में हैंआते दोस्तों ,
मगर यहाँ जुड़ जाते हैं ,परिवार से ,
समाज से ,देश से ,दुनिया से ||
जैसे अकेला मोती कुछ नहीं कर पाता ,
सिर्फ चमकता है ,
मगर दूसरे के साथ मिलकर ,
माला बना लेता है ||
अकेला धागा ,सिलाई के काम आता है ,
मगर अन्य धागों से मिलकर ,
कपड़ा बुन लेता है ,चादर बना लेता है ,
और शरीर को ढकने के काम आता है ||
अकेली बूँद बारिश की ,ओस की ठंडक देती है ,
मगर अन्य बूँदों के साथ मिलकर ,
एक धारा बनाती है ,और सागर भी बन जाती है ||
अकेला कागज ,काम में कम आता है ,
मगर दूसरे कागजों को समेट कर ,
किताब बन जाता है ,कॉपी बन जाता है ,
पढ़ने और लिखने के काम आता है ||
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