गुँजा दो
सात सुरों की सरगम से ,जन्म हुआ संगीत का ,
उन्हीं सात सुरों ने गाया ,मीठा गीत प्रीत का ,
सा रे गा मा पा धा नी ,ये सरगम है सात सुरों की ,
इन्हीं से निकला मीठा गीत ,दिल से दिल की जीत का ||
सात सुरों को अपनाया सबने ,अपने पास बुलाया ,
दिल से मीठे स्वर जो निकले ,जग को उसने गुँजाया ,
सा रे गा मा पा धा नी ,ये सुर निकले दिल से ,
तभी तो इन से जन्मे मीठे गीतों को ,सबने गुनगुनाया ||
अपनाओ इन सुरों को ,गुनगुनाओ इन सुरों को ,
दिल में बसा लो इस सरगम को ,संसार को गुँजा दो ,
इस सरगम में प्यार बसा है ,प्यार से है संसार ,
संसार की हर गूँज ही ,प्यार के साथ हर ओर फैला दो ||
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