Tuesday, August 20, 2024

SWEEKAAR KARO ( JIVAN )

 

                           स्वीकार करो 


बदलाव है ,जीवन का नियम ,

पल - पल ,कुछ ना कुछ बदलता है ,

प्रकृति में बदलाव तो आपने भी ,देखा ही होगा दोस्तों || 


बीज से पेड़ का बनना ,सभी जानते हैं ,

पानी का ऊपर से नीचे को बहना ,सभी जानते हैं ,

परिंदों का कलरव ,उनकी उड़ानें ,सभी जानते हैं ,

पशुओं के मीठे - मीठे स्वर ,सभी जानते हैं || 


कलियाँ चटख कर फूल बनतीं ,सभी जानते हैं ,

चमन में खुश्बुएँ महकतीं ,सभी जानते हैं ,

मानव स्वभाव भी बदलता ,सभी जानते हैं ,

उसी के बदलते भावों को ,स्वीकार करो दोस्तों || 


मत सोचो ,दूसरे क्यों बदलते ?

उनका स्वभाव ही ऐसा है दोस्तों ,

ये याद रखो ,वह क्या सिखा गया तुम्हें ?

कुछ तो तुम भी ,सीख ही गए दोस्तों ,

सच कहा ना मैंने ? स्वीकार करो ना दोस्तों ,

स्वीकार करो ,स्वीकार करो || 


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