हे शारदे माँ
हे शारदे माँ ,हे शारदे माँ ,ज्ञान का हमको भंडार दे माँ ,
सागर को तू स्याही बना दे ,मेरी लेखनी में उसे तू बसा दे ,
कोई तो ऐसा चमत्कार दे माँ ||
मेरी लेखनी तो सदा चलती जाए ,
शब्दों से मेरे सभी ख़ुशी पाएँ ,
शब्दों का ऐसा संसार दे माँ ||
तेरी तो वीणा बजती है हरदम ,
सभी सुनते होंगे ,उसकी ये रुमझुम ,
मुझे भी तो वीणा की झंकार दे माँ ||
शब्दों में मेरे खुशियाँ भरी हों ,
मन में मेरे गुनगुनाहटें भरी हों ,
खनकते विचारों की झंकार दे माँ ||
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