Saturday, August 17, 2024

DATEI RAHO ( JIVAN )

 

                                     डटे रहो 


चल रहे थे हम ,एक राह  में ,

राह पूरी समतल नहीं थी ,

कुछ - कुछ ऊबड़ - खाबड़ थी ,

लगी एक ठोकर ,लड़खड़ा गए हम ,

मगर संभल गए ,डटकर खड़े रहे || 


हम समझ गए ,कि ये ठोकर ,

हमें गिराने के लिए ,नहीं लगी थी ,

राहें चाहतीं थीं ,हम संभलना सीख जाएँ ,

राहों पर ध्यान से चलें ,

लड़खड़ाने पर ,धीरे से संभल जाएँ || 


तो दोस्तों ,ठोकर हमें गिराए ,जरूरी नहीं ,

वह तो कुछ सिखाती है ,कुछ पढ़ाती  है ,

वह सिखाती है ,ठोकर के बाद संभलना ,

अपनी हिम्मत और ताकत के साथ ,

डटे रहना ,खड़े रहना || 


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