Sunday, August 11, 2024

YAADON MEIN DUBAAKAR ( KSHANIKAA )

 

                          यादों में डुबाकर 


यादों के खजाने में ,छिपी हैं बहुत सी यादें ,

कुछ तो हैं खट्टी ,और कुछ हैं मीठी यादें ,

पुराने दिनों की हैं ,कुछ चटपटी यादें || 


रंग यादों के हैं ,कुछ तो चटकीले से ,

रंग यादों   के हैं ,कुछ तो भड़कीले से ,

पुराने रंग हैं मगर ,जिनमें रंगी यादें || 


कुछ हैं हँसी में डूबीं ,खिलखिलाती सी यादें ,

कुछ हैं प्रेम में डूबीं ,सबमें प्रेम बाँटती यादें ,

और कुछ तो संगीत के ,स्वरों को खनकाती यादें || 


खोलो खजाना तुम अपना ,निकालो यादों को बाहर ,

मिला लो आज स्वर अपना ,यादों के स्वर से मिलाकर ,

बना लो गीत फिर अपना ,यादों में डुबाकर || 


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