यादों में डुबाकर
यादों के खजाने में ,छिपी हैं बहुत सी यादें ,
कुछ तो हैं खट्टी ,और कुछ हैं मीठी यादें ,
पुराने दिनों की हैं ,कुछ चटपटी यादें ||
रंग यादों के हैं ,कुछ तो चटकीले से ,
रंग यादों के हैं ,कुछ तो भड़कीले से ,
पुराने रंग हैं मगर ,जिनमें रंगी यादें ||
कुछ हैं हँसी में डूबीं ,खिलखिलाती सी यादें ,
कुछ हैं प्रेम में डूबीं ,सबमें प्रेम बाँटती यादें ,
और कुछ तो संगीत के ,स्वरों को खनकाती यादें ||
खोलो खजाना तुम अपना ,निकालो यादों को बाहर ,
मिला लो आज स्वर अपना ,यादों के स्वर से मिलाकर ,
बना लो गीत फिर अपना ,यादों में डुबाकर ||
No comments:
Post a Comment