Sunday, August 4, 2024

JAL - PAVAN ( JALAD AA )


                             जल - पवन 


रंग नहीं बरखा के जल में ,रंग नहीं है पवन में ,

मगर दोनों ही भावनाओं को ,रंगों से भर देते हैं ,

होठों की मुस्कानों को ,मीठे बोलों से भर देते हैं || 


दोनों ही शीतल पेय जैसे ,दोनों ही दिल को बहलाएँ ,

बिना रंग ही दोनों बंधु ,दुनिया को रंग जाएँ ,

सब की जिंदगी , इस दुनिया में ,प्यार से भर देते देते हैं || 


जल भर जाए नदिया में ,पवन बदरा उड़ाय ,

नदिया की राहें हैं धरा पर ,पवन गगन में उड़े ,

नदिया और पवन मिलकर ,जग को जीवन देते हैं || 


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