अहंकार
जिंदगी में ईश्वर ,सबको कुछ ना कुछ देते हैं ,
किसी कम मिलता है ,किसी को अधिक ,
सभी अपनी सोच के ,अनुसार खर्च करते हैं ||
जिस को बिना कुछ ,मेहनत किए ही ,
सब कुछ बड़ी मात्रा में ,मिल जाता है ,
दोस्तों उसमें ,अहंकार आ जाता है ||
इसी अहंकार के कारण ,वह खुद को ,
ऊँचा और ,दूसरों को तुच्छ समझता है ,
वह अहंकार में डूबा ,शिखर पर बैठकर ,
राजा की भाँति ,व्यवहार करने लगता है ||
मगर यही व्यवहार ,उसे अकेलापन भी देता है ,
उसका कोई दोस्त नहीं होता ,
कोई उसे प्यार नहीं करता ,
काश वह यह सब समझ जाता तो ,
उसका जीवन भी सुखमय होता ,सुंदर होता ||
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