Tuesday, October 1, 2024

MAHAKTII MAATII ( DESH )

 

                         महकती माटी 


फूलों की महक से ,दुनिया महक जाती है ,

उन्हीं फूलों के इत्र से , दुनिया महक जाती है ,

मगर दोस्तों क्या आपने ? 

वर्षा की पहली बूँदों से आती ,

मिट्टी की सौंधी महक ,महसूस की है कभी ??

 

इससे सुंदर और प्यारी महक ,महसूस की क्या आपने ?

इतनी महकीली महक ,इतनी रंगीली महक ,

किसी और की नहीं है दोस्तों || 

 

हमारी माटी की महक ,हमारी वर्षा की महक ,

यही महक तो हमारा जीवन है ,कोई भी इत्र ,

कोई भी फूल ,उसकी बराबरी नहीं कर सकता ,

तभी तो माटी की महक के लिए ,किसी ने ,

बहुत सुंदर लिखा है ,-- " चंदन है माटी मेरे देश की "|| 

 


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