महकती माटी
फूलों की महक से ,दुनिया महक जाती है ,
उन्हीं फूलों के इत्र से , दुनिया महक जाती है ,
मगर दोस्तों क्या आपने ?
वर्षा की पहली बूँदों से आती ,
मिट्टी की सौंधी महक ,महसूस की है कभी ??
इससे सुंदर और प्यारी महक ,महसूस की क्या आपने ?
इतनी महकीली महक ,इतनी रंगीली महक ,
किसी और की नहीं है दोस्तों ||
हमारी माटी की महक ,हमारी वर्षा की महक ,
यही महक तो हमारा जीवन है ,कोई भी इत्र ,
कोई भी फूल ,उसकी बराबरी नहीं कर सकता ,
तभी तो माटी की महक के लिए ,किसी ने ,
बहुत सुंदर लिखा है ,-- " चंदन है माटी मेरे देश की "||
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