रीत गया
जो बीत गया ,वो रीत गया ,जो है शेष ,वही विशेष ,
भूत काल में किए कर्मों को ,हम बदल नहीं सकते ,
दोस्तों ,मगर आने वाले कल ,यानि भविष्य में ,
हम वही कर सकते हैं ,जो हम करना चाहते थे ,
दोस्तों ,इसलिए जो है शेष ,वही विशेष ||
मुस्कानें बाँटना ,खुद को भी मुस्काता है ,
खुशियाँ बाँटना ,खुद को भी खुश करता है ,
इसलिए लाओ ,अपने होठों पर मुस्कान ,
और भर दो ,दूसरों की भी खान ||
रंगों से भर दो ,अपने बनाए चित्रों को ,
चित्र बोल उठेंगे ,और आप भी मुस्कुरा उठोगे ,
तो दोस्तों यही है ,मुस्कानें बाँटने का तरीका ,
दूसरों को खुश करने का तरीका ,
खुद भी खुश होने का तरीका ||
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