Thursday, October 31, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

               बालिका वधु  


पति से हुई थोड़ी दोस्ती ,सासु माँ अच्छी लगने लगीं ,

चलते - चलते सभी कुछ लगने लगा ,अपना -अपना ,जाना -पहचाना || 


मगर जिम्मेदारियाँ बहुत मिलीं ,प्यार मिला थोड़ा -थोड़ा ,

जिसने बालिका वधु को ,नहीं पूरी तरह ससुराल से जोड़ा || 


समय बीतते -बीतते ,बालिका वधु ,बन गई माँ ,

एक छोटी बच्ची ,बनी एक गुड़िया की माँ ,

शरीर भी थका ,और जिम्मेदारियाँ भी बढ़ीं || 


आराम की जरूरत थी ,मगर समय नहीं था ,

जिम्मेदारियों का बोझ ,बहुत बड़ा था ,

कैसे पालन -पोषण करे ,छोटी बच्ची का ,

थका शरीर ,टूटा मन ,सभी सामने खड़ा था || 


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