Thursday, October 24, 2024

PUNYA ( AADHYAATMIK )

 

                           पुण्य  


यात्रा कदम - दर - कदम ,चलती है दोस्तों ,

हर राह - हर कदम , दौड़ती है दोस्तों ,

हर कदम ,भी तो ,निशां छोड़ता है दोस्तों || 


उन निशानों की सिर्फ ,कहानी रह जाती है ,

वो निशां कहते रहते हैं ,एक कहानी ,

सभी आने - जाने ,वालों से दोस्तों || 


जिंदा होते हुए ,स्वर्ग के सपने मत देखो ,

पाप क्या है ? पुण्य क्या है ? सोचो जरा दोस्तों ,

किसी का दिल ना दुःखे ,तुम्हारे कारण ,

होठों पर मुस्कान आए ,तुम्हारे कारण ,

यही सबसे बड़ा ,पुण्य है दोस्तों || 


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