क्या ?
जिंदगी हमारी डूब जाती है ,जब झूठके समंदर में ,
हम परेशान हो उठते हैं दोस्तों ,
जिंदगी जब सच की नाव पर ,सवार होती है ,
सब परेशान हो उठते हैं क्यों ?
अब बताओ तुम्हीं ,हम क्या करें दोस्तों ?
अहंकार तो दोस्तों ,अहंकारी पर ही भारी होता है ,
इसलिए अहंकार को छोड़ ,नम्रता को अपनाओ ,
मगर किसी को अहंकार हो ,तो वह क्या करे दोस्तों ?
नम्रता अपनाने के बाद भी ,ग़लतफ़हमी अगर सताए ,
तो वह तो सच को पास में ,फटकने भी नहीं देती ,
गलतफहमी होने पर ,हम क्या अपनाएँ दोस्तों ?
दूसरों के बारे में ,कभी कोई अनुमान ना लगाओ तुम ,
क्या उसकी उलझनों की ,जानकारी है तुम्हारे पास ?
तो क्यों अपने दिमाग को ,उलझनोंमें लपेटो दोस्तों ?
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