Sunday, November 3, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                             बालिका वधु 


इसी तरह चार बरस बीत चले ,

उसकी बेटी भी बड़ी हो चली ,

तब वह माँ का कर्त्तव्य निभाते हुए ,

बेटी का हाथ पकड़ ,विद्यालय की ओर बढ़ चली || 


जिनके घरों में खाना बनाती थी वो ,

उनमें से ही कुछ ने  उसे समझाया ,

मदद की उसकी और उसकी बेटी को ,

विद्यालय में दाखिला दिलवाया || 


बेटी भी समझने लगी थी अब ,

माँ को परेशानियों की हालत में देखा था ,

विद्यालय में ध्यान लगा कर पढ़ने लगी ,

क्योंकि मेहनत ही ,उसके भाग्य का लेखा था || 


बालिका वधु को अब ये ,अहसास हो रहा था ,

माता - पिता की ,सोच के कारण ही तो उसका ,

जीवन इतनी कठिनाईयों से भरा था ,

काश उसके माता - पिता ने उसे ,

बालिका वधु ना बनाकर उसे ,

पढ़ाया - लिखाया होता ,पढ़ाया - लिखाया होता || 

 

                     समाप्त ,कृपया अपनी राय जरूर दें || 


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