अनोखा दीया
हमने दिवाली के त्योहार पर ,दीया बनाया दोस्तों ,
ये दीया ना मिट्टी का था , ना धातु का था ,
ना लकड़ी का दीया था ,ना कागज का था ,
ये दीया तो बंधु ,हमारे दुपट्टों से बना था ||
तीन दुपट्टे लिए हमने ,एक से दीये का बेस बनाया ,
दूजे से दीये का ऊपरी ,हिस्सा बना दिया ,
आकार दीये का हमने ,बना लिया बंधु ,
मगर अभी भी ,कुछ बनाना बाकी था बंधु ||
तीसरे दुपट्टे से हमने बंधु ,बाकी काम किया ,
दीये की बाती बनाकर ,जोड़ी हमने दीये में ,
पूर्ण आकार मिल गया ,हमारे दीये को ,
बन गया ना बंधु ,हमारा सुंदर सा दीया ||
ना रोशनी देने वाला ,ना तेल जलाने वाला ,
ना धुंआ ,ना प्रदूषण फ़ैलाने वाला ,
दीया है वो ,है ना अनोखा दीया ,
जो लगाया हमने खिड़की पर ,अपना अनोखा दीया ||
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