जरूरी नहीं
जिंदगी में जरूरी नहीं ,कि सूरज ही रोशनी दे ,
एक दीया ही काफी है दोस्तों ,अँधेरी रात में ,
दीये की रोशनी भी ,चीर सकती है अँधेरे की चादर ,
और चमक दे सकती है ,सभी की आँखों में ||
जिंदगी में जरूरी नहीं , ए. सी. की ठंडी हवा मिले ,
खिड़की से आती ,हल्की बयार काफी है ,
बयार तन और मन ,दोनों को शीतलता देती है ,
और यही बयार ,दिमाग के लिए भी काफी है ||
जिंदगी में जरूरी नहीं ,चाँद मिल जाए हर किसी को ,
साँझ का तारा भी ,राह दिखाने को काफी है ,
उसी को अपनी ,आँखों में बसा लो दोस्तों ,
जिंदगी जीने के लिए ,दोस्तों का साथ ही काफी है ||
जिंदगी में जरूरी नहीं ,खिलखिलाहटें गूँजें ,
उनकी जगह होठों पे ,खिली मुस्कान ही काफी है ,
खिली मुस्कान को ,होठों पे सजा लो दोस्तों ,
यही मुस्कान तो जिंदगी ,जीने के लिए काफी है ||
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