अपनाइए
जरूरतें तो जिंदगी में ,बढ़ती ही जाती हैं दोस्तों ,
थोड़ा तो उन्हें ,सीमित करते जाइए ,
प्रार्थना ,अर्चना करते समय ,जरूरतों का जिक्र नहीं ,
ईश द्वारा की गई ,कृपा का जिक्र करते जाइए ||
ईश ने सभी को ,इतना दिया है ,कि आँचल भर जाए ,
तो उसी का धन्यवाद करते जाइए ,
खुद भी दूसरों की मदद करोगे ,तो ईश खुश होगा ,
तो उसी को अपने स्वभाव से ,खुश करते जाइए ||
यही तो सही तरीका है ,प्रार्थना करने का ,
यही तो सही तरीका है ,धन्यवाद करने का ,
यही तो सही तरीका है ,तो इसी को अपनाइए ||
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