अँगना में
नील गगन पर उड़ते जाते ,कारे - कारे बदरा ,
आजा रे ,आजा मेरे ,घर के अंगना में ,
पानी लेकर ,पवन के संग ,
आजा रे ,आजा मेरे ,घर के अँगना में ||
दोस्त मेरे ,तू , मैं और पवन ,
खेलेंगे मेरे अँगना में ,
खूब सारा जल लेकर तू ,
आजा रे ,आजा मेरे ,अँगना में ||
अरे दामिनी को भी लाना ,साथ अपने ,
चारों हम मिल खेलेंगे ,
मनेगी पिकनिक ,हम चारों की ,
सुनो दोस्तों ,मनेगी मेरे घर के अँगना में ||
ऐसी पिकनिक होगी दोस्तों ,
खूब ही नाच ,गाना होगा ,
खाना ,पीना और गप्पों का पिटारा खुलेगा ,
सब खुल जाएगा दोस्तों ,मेरे घर के अँगना में ||
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