Friday, November 15, 2024

VAH SABKAA HAI ( AADHYAATMIK )

 

                              वह सबका है 


नहीं ढूँढो किताबों में ,वह कोई शब्द नहीं है ,

नहीं ढूँढो मंदिरों में ,वह कोई मूर्ति नहीं है ,

नहीं ढूँढो समाजों में ,वह इंसान नहीं है बी,

ढूँढो उसे अपने अंदर ,वह तो जीवन है || 


भर लो अपने अंदर ,वह तो श्वांस है ,

भर लो अपने मन में ,वह एक विश्वास है ,

करो उस पर पूर्ण रूप से ,वह एक भरोसा है ,

थामो उसे कस के ,वह तुम्हारी आशा है || 


एक रिश्ता है उससे तुम्हारा ,तुम अंश हो उसके ,

वह प्रभु है ,ईश्वर है ,रब है ,खुदा है , जीसस है ,

वह सबका है ,और सब में बसा है || 


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