Friday, November 1, 2024

BAALIKAA VADHU ( STORY )

 

                        बालिका वधु 


कैसे लड़ती वो ? शरीर था थका ,

और मन था टूटा और बीमार ,

और सहायता कोई नहीं ,कोई मदद नहीं ,

ना पैसे की ,ना काम की ,क्या करती वो ? 


दिन ,रात ,पिसते - पिसते ,एक दिन ,

जाना  उसने टी. वी. पर ,शिक्षा को ,

अब कैसे पाती वो शिक्षा को ? 

कैसे कदम बढ़ाती वो आगे को ? 


उसकी अपनी जिंदगी ,कठिनाईयों में डूबी थी ,

उसकी बेटी की जिम्मेदारी ,उसके सामने थी ,

कैसे करे वह उसकी परवरिश ? 

कैसे बनाए वो अपनी बेटी की ,जिंदगी सुंदर ? 


मगर वह खाना ,बहुत अच्छा बनाती थी ,

यह गुण उसमें कूट - कूट कर भरा था ,

आस पड़ोस में ,उसने खाना बनाने का ,

काम शुरू किया ,और आगे कदम बढ़ाया  || 


No comments:

Post a Comment