Sunday, November 3, 2024

LAHAREN SAAGAR KII ( RATNAAKAR )

 

                    लहरें सागर की 


रत्नों का भंडार समेटे ,रत्नाकर आयापास मेरे ,

सखि देखो मेरा भंडार ,आकर यहाँ पास मेरे ,

खुश को जाओगी तुम , देख के विभिन्न रत्न मेरे || 


देखो मेरी लहरों को , जो खेल दिखाती रहती हैं ,

मेरे  दोस्तों  को ये लहरें ,पकड़ हाथ ले आती हैं ,

प्यार से भरी मुस्कानों को ,सब पर ये लुटाती हैं || 


 इनको देख सब खुश होते ,ये भी ख़ुशी दिखाती हैं ,

जीवन की सुंदरता को ये लहरें ,सभी को दिखा जाती हैं ,

 लहरों के  ये सुंदर नृत्य ,सबके मन खुश कर देते हैं  || 

 

आओ सखि खेलो इनसे ,प्यार इनका पा जाओ ,

खुशियों का खजाना ,जो भरा है इन लहरों से ,

यही खजाना तो लहरें ,तुम पर यूँ लुटाती हैं || 

 

ये लहरें हैं हम दोनों की ,दोस्त - दोस्त ,सखि - सखि ,

इस तरह तो हम तीनों ही ,एक दूसरे के दोस्त सखि ,

इसीलिए तो ये लहरें ,हमें देख मुस्काती हैं || 

 

 

 

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