लहरें सागर की
रत्नों का भंडार समेटे ,रत्नाकर आयापास मेरे ,
सखि देखो मेरा भंडार ,आकर यहाँ पास मेरे ,
खुश को जाओगी तुम , देख के विभिन्न रत्न मेरे ||
देखो मेरी लहरों को , जो खेल दिखाती रहती हैं ,
मेरे दोस्तों को ये लहरें ,पकड़ हाथ ले आती हैं ,
प्यार से भरी मुस्कानों को ,सब पर ये लुटाती हैं ||
इनको देख सब खुश होते ,ये भी ख़ुशी दिखाती हैं ,
जीवन की सुंदरता को ये लहरें ,सभी को दिखा जाती हैं ,
लहरों के ये सुंदर नृत्य ,सबके मन खुश कर देते हैं ||
आओ सखि खेलो इनसे ,प्यार इनका पा जाओ ,
खुशियों का खजाना ,जो भरा है इन लहरों से ,
यही खजाना तो लहरें ,तुम पर यूँ लुटाती हैं ||
ये लहरें हैं हम दोनों की ,दोस्त - दोस्त ,सखि - सखि ,
इस तरह तो हम तीनों ही ,एक दूसरे के दोस्त सखि ,
इसीलिए तो ये लहरें ,हमें देख मुस्काती हैं ||
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