Friday, November 8, 2024

JINDGII ( KSHANIKAA )

 

                               जिंदगी 


जिंदगी हम को ,बना दे सीढ़ियाँ ,

जो किसी को ,ऊपर उठा सके ,

खुद वहीं रुकी रहें ,

मगर दूजों को ऊपर उठा सकें || 


खुद वहीं खड़ी रहें ,कोई बात नहीं ,

दूजों के पैरों को चलाती रहें ,जो अच्छा है ,

खुद रुककर ,दूजों को ऊपर चढ़ा सकें || 


हो सके तो जिंदगी ,मंदिर में जड़ दे हमें ,

भक्तों के पैरों को ,चलायमान करके ,

उनको हरिदर्शन ,करने में मदद करें ,

उनके हरिदर्शन ,कराने का जरिया बनें || 


यही हमारी ,इच्छा है जिंदगी ,

कर सको तो ,पूरा कर दो ,

तुम्हें दुआ ,मिलेगी हमारी ,

ता - उम्र स्वस्थ और सुंदर ,बनी रहो तुम || 


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