Monday, February 27, 2023

DOST ANJAANE ( JIVAN )

 

                          दोस्त अनजाने

 

प्रतिलिपि के द्वारा जुड़े दोस्तों के नाम  | 


तुम भी थे अनजाने से ,हम भी थे अनजाने से ,

मगर अब बरसों बाद हुए ,जाने - पहचाने से | 


दोस्त बने तुम मेरे ,दोस्त हुई मैं तुम्हारी ,

मन के विचारों का हुआ लेन -देन ,

यही तो बना दोस्ती का धागा | 


नहीं मिलते जिस दिन हम तुमसे ,

लगता है सूना - सूना सा वो दिन हमको ,

यही तो सच्ची दोस्ती है दोस्तों | 


ऐसे ही मिलते रहिएगा दोस्तों ,

प्यार बनाए रखिएगा दोस्तों ,

ये धागा दोस्ती का टूटने ना पाए ,

जुड़ा रहे मजबूती से ,

हम अनजाने कभी थे ,

मगर अब तो जाने - पहचाने हैं दोस्तों |

DRISHTIKONN ( KSHANIKA )


     दृष्टिकोण

 

दृष्टि चाहे स्वस्थ हो ना हो ,

थोड़ी कमी में चश्मा भी ,काम चलाता  है ,

दृष्टिकोण जरूर स्वस्थ होना चाहिए ,

उसकी कमी में तो कोई, चश्मा नहीं काम चलाता है | 

 

दृष्टिकोण को ठीक करने के लिए ,

तो केवल अपनी सोच है दोस्तों ,

कोई भी चश्मा उसे ,ठीक नहीं कर सकता है | 

 

सोच से ही हम ,अपना दृष्टिकोण बदल सकते हैं ,

प्यार में डूबकर ही ,

दृष्टिकोण को बेहतर बना सकते हैं | 

 

 

 

Friday, February 24, 2023

MAIN HOON KAHAN ? ( JIVAN )

 

                            मैं हूँ कहाँ ? 


आया वसंत ,छाया वसंत ,ऋतुराज है आया सखि ,

हरियाली के बीच में ,फूले हैं फूल ये सुंदर सखि ,

खुश्बुओं ने भरमाया है दिल,आया है ऋतुराज सखि | 


दिल उड़ चला खुश्बू के साथ ,

दिल मचल गया फूलों के साथ ,

दुनिया भी छोटी पड़ गई,दिल में जहां समाया सखि | 


मैं खो गई जाने कहाँ ? ये कौन सा है नया जहां ,

ढूँढो मुझे यहाँ ,वहाँ ,मैं हूँ कहाँ ? 

मैं हूँ कहाँ ? जरा बता तो मेरी सखि | 


Thursday, February 23, 2023

JEET LO ( JIVAN )

 

                           जीत लो 


अहंकार से अकड़े सिर के सम्मुख ,

शीश हैं झुकते ,मगर डर के कारण ,

ना ही कोई सम्मान वश ,ना ही कोई आदर वश ,

संस्कार से भरे मानव के सम्मुख ,

ना डर से ,ना अनादर से ,

शीश झुकते हैं आदर से | 


चुन लो संस्कार को ,दुनिया जीती जा सकती है ,

उच्च संस्कारों और अच्छे व्यवहार से ,

जीत लो दुनिया को ,

और बना लो सभी को अपना ,

यही तो होना चाहिए सभी का सपना | 


Wednesday, February 22, 2023

SAMBANDH ( JIVAN )

 

                               संबंध 


आज एक संबंध बना ,कल दूसरा बन जाएगा ,

संबंध जोड़ना आसान है दोस्तों ,

जुड़ -जुड़ कर संख्या बढ़ती है | 


संबंधों की संख्या बढ़ने से ,

उन सब को निभाना मुश्किल है ,

थोड़े समय के बाद ही संबंध ,

पीछे छूटते चले जाते हैं ,या टूट जाते हैं | 


संबंधों की संख्या ,सीमित ही रखो दोस्तों ,

मगर उनकी आयु बढ़ा लो दोस्तों ,

 संबंध पीछे छूटने ना पाएँ ,

संबंध टूटने ना पाएँ ,

चलते जाएँ ,बस चलते जाएँ | 


Tuesday, February 21, 2023

GYAAN - E - PARISTHITI ( JIVAN )

 

                     ज्ञान -ए - परिथिति 


जहाँ पाठ सीखने को मिले ,वही पाठशाला है ,

जो हमें पाठ पढ़ाए ,वही गुरु है ,

पाठशाला और कॉलेज ,किताबी ज्ञान देते हैं ,

अध्यापक उसे समझाकर पढ़ा देते हैं | 


किताबी ज्ञान को तो दोस्तों ,

कुछ -कुछ भूल जाते हैं ,

परिस्थितियाँ जो ज्ञान देती हैं ,

उसे हम ता - उम्र भूल नहीं पाते हैं | 


परिस्थितियों द्वारा दिया गया ज्ञान ,

हमारे मस्तिष्क में छप जाता है ,

समान परिस्थितियों में वह ज्ञान ,

उभर आता है ,और हमारी मदद कर जाता है | 


Monday, February 20, 2023

DO PAHALOO ( JIVAN )

 

                          दो पहलू 


सुख - दुःख दो पहलू सिक्के के ,एक आए एक जाए ,

मगर सभी को इस सिक्के का ,एक ही पहलू भाए  | 


जीवन में सब चाहें सुख को ,दुःख को कोई ना चाहे ,

सुख की चाशनी में डूबकर ,हर कोई रहना चाहे | 


दुःख से सब ही भागें दूर ,पास ना आना चाहें ,

दुःख को समझ के कड़वा करेला ,कोई ना खाना चाहे | 


कोई ना समझे दुःख का मोल ,

दुःख से जुड़ा है सुख का मोल ,

दुःख ना हो तो दोस्तों ,सुख कैसे लगता अनमोल ? 


Sunday, February 19, 2023

JAAGO JALDI ( JIVAN )

 

                       जागो जल्दी 


रात में जल्दी सोना ,नींद पूरी करने के लिए जरूरी है ,

भोर में जल्दी जागना ,स्वास्थ्य के लिए जरूरी है ,

सूर्योदय एक सुंदर , प्राकृतिक परिस्थिति है ,

उसे देखकर मन ,प्रफुल्लित हो जाता है | 


प्रातः काल मन प्रफुल्लित हो ,

तो दिन सुंदरता से बीतता है ,

इसलिए बंधु ,जल्दी जागना बहुत जरूरी है | 


सदा "हम "बने रहो बंधु ,उसमें "अ " नहीं जोड़ो ,

अहं एक व्यक्तिगत समस्या है बंधु ,

अगर अहं उत्पन्न ,हो गया है तो जाग जाओ ,

जल्दी जागोगे तो ,वह अहं का ,

वटवृक्ष नहीं बन पाएगा | 

 

हम में अगर "व "जुड़ गया हो ,तो बहुत बुरा है ,

वहं में डूबना नहीं ,उसे भी दूर भगाओ ,

वहं सभी रोगों की जड़ है ,उसे मत पालो बंधु | 



Saturday, February 18, 2023

UJAALON SE ( KSHANIKA )

 

                          उजालों से 


अँधेरे जब घिरते हैं ,दिल घबराने लगता है ,

अँधेरे को दूर करने के लिए ,

वो एक किरण को ढूँढता है | 


मगर ढूँढने से तो ना किरण मिलती है ,

और ना ही अँधेरा दूर होता है |

 

ऐसे में जो संघर्षों की राह पर चलकर ,

अँधेरों को दूर करने की कोशिश करता है | 

 

वही तो दोस्तों घने अंधकार को ,

चीरकर और सूरज बनकर निकलता है ,

पूरे संसार को उजालों से भर देता है | 

 

Thursday, February 16, 2023

UMRA SAMASYAA KI ( DOHA )

 

                   उम्र समस्या की 


जीवन नहीं कोई ऐसा ,समस्या ना जिसमें होय ,

हरेक समस्या की बंधु मेरे ,निश्चित उम्र ही होय | 


अपनी उम्र गुज़ार के समस्या ख़त्म ही होय ,

नहीं कोई चिंता करो बंधु ,सब जन सुखी ही होय | 


संकट की हर घड़ी में ,कोई तो थामे हाथ ,

हाथ थामने वाला बंधु ही ,देता है अपना साथ | 


वही तो अपने जीवन में ,व्यक्ति विशेष बन जाय ,

संकट की हर घड़ी में ,वही तो याद आ जाय | 



Wednesday, February 15, 2023

PAAR LAGAANAA ( JIVAN )

 

                      पार    लगाना 


बच्चों को पेंसिल से ,लिखना सिखाया जाता है ,

गलतियों को रबर से ,मिटाना सिखाया जाता है | 


बड़े होने पर पेन मिलता है लिखने को ,

समझ लो दोस्तों ,अब नहीं है ,

गलतियों को मिटाने की छूट ,

अब तो जो लिख दिया हमने ,

उसी का आंकलन होगा ,

सही लिखा तो हम पास ,गलत लिखा तो फेल | 


सोचना हमें है ,समझना हमें है ,

क्या सही है ?क्या गलत ? 

जिंदगी नहीं देगी ,दूसरा मौका ,

एक मौके को ही ,अपनाना होगा ,

उसी में पार जाना होगा ,इसलिए चूकना नहीं ,

उसी में जीवन नैया को ,पार लगाना होगा | 


Monday, February 13, 2023

KALAM ( GEET )

 

                              कलम 


कलम हमारी चलती जाए ,शब्दों का भंडार सजाए ,

दोस्तों को ये प्यार पहुँचाए ,रंगों में खुद ही रंग जाए | 


मीठे गीत सुनाती जाए ,सबको गले लगाती जाए ,

मीठी चाशनी में शब्द डुबाकर ,मीठा स्वाद दिलाती जाए | 


कभी जोड़ के शब्दों को ,कविता हमें सुनाती जाए ,

कभी मरोड़े शब्द अनेक ,और ये गीत बनाती जाए | 


कभी ना करती किसी में भेद सबको एक समझती जाए ,

बाँटे प्यार  सभी में ये ,नफरत को ये दूर भगाए  | 


JINDGII KYAA HAI ? ( JIVAN )

 

                 जिंदगी क्या है ? 


जिंदगी गीली मिट्टी है ,

हम जो चाहे आकार दे सकते हैं ,

जिंदगी  कच्ची पेंसिल जैसी है ,

हर दिन छोटी होती जाती है | 


जिंदगी में बेचैनी होने पर सुकून के लिए ,

प्यार भरे लव्जों की जरूरत होती है ,

वो शब्द जो अपने किसी प्रिय द्वारा ,

बोले गए हों तो सुकून मिल जाता है | 

 

जिंदगी को आसान बनाने के लिए ,

मेहनत और प्यार दोनों चाहिए ,

किसी के तीखे शब्दों को सहने की ,

शक्ति भी तो चाहिए दोस्तों | 

 

कभी खुशहाल होगी ,

कभी अनमनी और उदास होगी 

कभी कोई साथी होगा , 

कभी तू अकेला होगा दोस्त ,

चिंता मत करो दोस्तों ,जिंदगी की सड़क ,

तो धीरे - धीरे ही पार होगी | 


Saturday, February 11, 2023

CHITTHI ( PREM )

 

 

                                चिट्ठी  


बचपन में यारों ,चिट्ठी ही लिखते थे हम ,

दोस्त हों या सखि ,सहेली ,उसीके द्वारा ,

संदेसा भेजते थे हम | 


टेलीफोन तो दफ्तरों और,बड़ी दुकानों पर ही होते थे ,

उन्हीं के मालिक फोन के द्वारा ,संपर्क किया करते थे | 


जब हमारी हुई मंगनी ,अब मंगेतर से बात कैसे हो ? 

सोचा बहुत ,मगर कुछ हल ना निकला ,

तब आई उधर से चिट्ठी ,अहसास नया जागा ,

चिट्ठी का जवाब देने का ,कुछ बातें लिखने -सुनने का | 


सिलसिला ये दोस्तों ,लंबा ही कुछ चला ,

कुछ समझने का ,तो कुछ समझाने का ,

चिट्ठी की अहमियत का ,तब पता हमें चला | 


उस समय  की वो चिट्ठियाँ ,संभालीं हैं आज तक ,

कभी -कभी उन्हीं को ,फिर से पढ़ लेते हैं ,

कुछ हसीन पल और ,मीठी यादें ताजा कर लेते हैं | 


Thursday, February 9, 2023

CHAAY VALII MULAKAT ( KSHANIKA )

 

                      चाय वाली मुलाकात 


बहुत दिन हुए दोस्तों ,चाय वाली मुलाकात हुई नहीं ,

चलो आज ,चाय वाली मुलाकात कर  लेते हैं ,

आइए आप सब यहाँ ,हम कड़क मसालेदार ,

चाय बनाते हैं ,अदरक ,काली मिर्च वाली | 


पकते हुए ही खुश्बु आने लगी है अब ,

छान कर प्यालों में करके ,

साथ में नमकपारे लाए हैं दोस्तों ,

 चलो शुरुआत करते हैं दोस्तों | 


एक -एक प्याला उठाओ दोस्तों ,

नमकपारे साथ में खाते जाओ दोस्तों ,

मुस्कानों और गप्पों के साथ तो ,

ये मुलाकात भी मुस्कुरा उठी है दोस्तों | 


Wednesday, February 8, 2023

JANM GAANV KA ( KSHANIKA )

 

                         जन्म  गाँव का 


बनी जब दुनिया ,बने सागर -सागर ,

जीवन उपजा जिनमें ,मगर धीरे -धीरे ,

उपजे तब पेड़ धरा पर ,सभी धीरे -धीरे ,

और बने घने से ,जंगल -जंगल ,

बहुत लंबे से समय के बाद ,

बहुत से जीवों की रचना के बाद ,बना मानव | 


मिला उसे मस्तिष्क दोस्तों ,सोचने की शक्ति ,

और मुस्कुराहट का वरदान ,

जंगली जानवर से डरा मानव ,

जंगल की आग से डरा मानव | 


मगर एक डर -आग को उसने ,

क़ाबू कर ,अपना हथियार बनाया ,

और आग से जंगली जानवरों को डराया ,

एकत्रित हो समाज बनाया | 


नदिया के पास गाँव बसाए ,

साधारण से घर बनाए ,

जो उसे धूप और वर्षा से बचाते ,

खेतों में था अन्न उगाया ,

समाज में रहने के नियम और कानून बनाए ,

जो अधिक सोचता ,वही कानून बनाता ,

जो शक्तिशाली था ,वही मुखिया था | 


पहले गाँव छोटे थे ,फिर बड़े बने ,

जीवन था सादा ,खान -पान सादा ,

नियम -कानून सादे ,यही था ग्रामीण जीवन ,

आज के दिन से बहुत अलग ,बिल्कुल अलग | 


Tuesday, February 7, 2023

SAMAY AUR JINDAGI ( KSHANIKA )

        

                           समय और जिंदगी 


समय और जिंदगी -- दोनों ही हैं चलायमान ,

समय के साथ जिंदगी -- दोनों ही हैं दौड़ायमान ,

समय और जिंदगी -- दोनों के हैं तीन काल | 

 

समय के तीन काल हैं -- भूत ,भविष्य और वर्तमान ,

भूत काल -- जो बीत गया वह काल ,

भविष्य काल -- जो आएगा वह काल ,

वर्तमान काल -- जो चल रहा है वह काल | 

 

जिंदगी के भी तीन काल -- 

जन्म काल ,मृत्यु काल ,और बीच का जीवन काल ,

जन्म काल -- जब लिया जन्म हमने ,

मृत्यु काल -- जब वरण करेंगे मृत्यु का हम ,

जीवन काल -- जब हम फर्ज और कर्ज ,

 अदा करने में जीवन व्यतीत करते जा रहे हैं | 

 

फर्ज और कर्ज हैं बहुत  दोस्तों ,

अपने और अपनों के प्रति ,

समाज और देश के प्रति ,

सभी फर्ज पूरे करने हैं ,

सभी कर्ज उतारने हैं दोस्तों | 


Monday, February 6, 2023

RAAT MEIN ( CHANDRAMA )

 

                               रात में 


सखि री ! चाँद आधा ही उतरा रात में ,

खिड़की मेरी खुली थी ,

वो आया उसमें से अंदर ,

चाँदनी को लेकर वो आया साथ में | 


चाँदनी ने जो चमकाया मेरे कमरे को ,

नींद खुल गई थी मेरी भी ,

देखा जगमगाता कमरा अपना ,

और चाँद ,चाँदनी थे साथ में | 


तभी झिलमिलाते तारे भी ,अंदर आए ,

उन्होंने कमरे में उधम मचाया ,

मेरे बच्चे भी जागे ,उठ बैठे ,

खेले वो खूब ,तारों के साथ में | 


चंद्रमा चाहे आधा था ,

मगर चाँदनी बहुत चमकीली थी ,

मन किया कि सारी चाँदनी ,

भर लूँ मैं पूरे आँचल में | 


मगर चाँदनी तो ऐसी थी ,

निकल गई छन्न से ,आँचल से ,

मगर आँखों को मेरी चमका गई ,

आज भी वही चमक है ,मेरी आँखों के साथ में | 


Friday, February 3, 2023

BARSAAT ( JALAD AA )

 

                      बरसात 


आज हो रही है बरसात घनी ,

कुछ जल की ,कुछ आँसुओं की झड़ी ,

पता नहीं बदरी अधिक रोई ,

या मैं रोई सखि घनी | 


बदरी ने तो जल लिया ,

ताल -तलैया ,सागर ,नदिया सभी से ,

मेरी आँसुओं की झड़ी ,तो निकली दिल से ,

दर्द नहीं हुआ बदरी को ,

मगर दर्द ,मुझे तो हुआ बहुत सखि | 


बदरी तो बरस कर ,पवन संग उड़ी ,

मैं तो अश्रु बहाकर ,गीले नयन पोंछ कर अपने ,

जस की तस ही रह गई सखि | 


बरसात का   जल तो धरा पी गई ,

मेरेआँसू तो पोंछे मेरे अँचरा ने ,

धरा पर तो हरियाली छा गई घनी ,

मेरे चेहरे पर तो उदासी ही छायी सखि | 


Wednesday, February 1, 2023

UDAAN HAI NAHIN ( JIVAN )

 

                       उड़ान है नहीं 


उम्र बीत गई दोस्तों ,घरोंदा बनाने में ,

बनाने में और ,सपनों से सजाने में ,

भूल गए हम तो ,कि पंख भी मिले हैं ,

उड़ानें भी भरी जा सकती हैं ,आसमान में | 


बच्चों के घरोंदे ,बन गए जब ,

रह गए ,अकेले हम जब ,

तब पंख याद आए ,उड़ानें याद आईं ,

मगर तब ना थी ताकत ,उड़ानें भर ना पाईं | 


घरोंदा भी हम तो ,नहीं संभाल पाए ,

उड़ानें तो दोस्तों ,हम शुरु ही ना कर पाए ,

खाली हैं हाथ अपने ,बस कुछ हैं सपने ,

और सपनों की हैं ,बची हुई यादें |