दोस्त अनजाने
प्रतिलिपि के द्वारा जुड़े दोस्तों के नाम |
तुम भी थे अनजाने से ,हम भी थे अनजाने से ,
मगर अब बरसों बाद हुए ,जाने - पहचाने से |
दोस्त बने तुम मेरे ,दोस्त हुई मैं तुम्हारी ,
मन के विचारों का हुआ लेन -देन ,
यही तो बना दोस्ती का धागा |
नहीं मिलते जिस दिन हम तुमसे ,
लगता है सूना - सूना सा वो दिन हमको ,
यही तो सच्ची दोस्ती है दोस्तों |
ऐसे ही मिलते रहिएगा दोस्तों ,
प्यार बनाए रखिएगा दोस्तों ,
ये धागा दोस्ती का टूटने ना पाए ,
जुड़ा रहे मजबूती से ,
हम अनजाने कभी थे ,
मगर अब तो जाने - पहचाने हैं दोस्तों |