Friday, February 3, 2023

BARSAAT ( JALAD AA )

 

                      बरसात 


आज हो रही है बरसात घनी ,

कुछ जल की ,कुछ आँसुओं की झड़ी ,

पता नहीं बदरी अधिक रोई ,

या मैं रोई सखि घनी | 


बदरी ने तो जल लिया ,

ताल -तलैया ,सागर ,नदिया सभी से ,

मेरी आँसुओं की झड़ी ,तो निकली दिल से ,

दर्द नहीं हुआ बदरी को ,

मगर दर्द ,मुझे तो हुआ बहुत सखि | 


बदरी तो बरस कर ,पवन संग उड़ी ,

मैं तो अश्रु बहाकर ,गीले नयन पोंछ कर अपने ,

जस की तस ही रह गई सखि | 


बरसात का   जल तो धरा पी गई ,

मेरेआँसू तो पोंछे मेरे अँचरा ने ,

धरा पर तो हरियाली छा गई घनी ,

मेरे चेहरे पर तो उदासी ही छायी सखि | 


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