पार लगाना
बच्चों को पेंसिल से ,लिखना सिखाया जाता है ,
गलतियों को रबर से ,मिटाना सिखाया जाता है |
बड़े होने पर पेन मिलता है लिखने को ,
समझ लो दोस्तों ,अब नहीं है ,
गलतियों को मिटाने की छूट ,
अब तो जो लिख दिया हमने ,
उसी का आंकलन होगा ,
सही लिखा तो हम पास ,गलत लिखा तो फेल |
सोचना हमें है ,समझना हमें है ,
क्या सही है ?क्या गलत ?
जिंदगी नहीं देगी ,दूसरा मौका ,
एक मौके को ही ,अपनाना होगा ,
उसी में पार जाना होगा ,इसलिए चूकना नहीं ,
उसी में जीवन नैया को ,पार लगाना होगा |
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