Thursday, February 23, 2023

JEET LO ( JIVAN )

 

                           जीत लो 


अहंकार से अकड़े सिर के सम्मुख ,

शीश हैं झुकते ,मगर डर के कारण ,

ना ही कोई सम्मान वश ,ना ही कोई आदर वश ,

संस्कार से भरे मानव के सम्मुख ,

ना डर से ,ना अनादर से ,

शीश झुकते हैं आदर से | 


चुन लो संस्कार को ,दुनिया जीती जा सकती है ,

उच्च संस्कारों और अच्छे व्यवहार से ,

जीत लो दुनिया को ,

और बना लो सभी को अपना ,

यही तो होना चाहिए सभी का सपना | 


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