दृष्टिकोण
दृष्टि चाहे स्वस्थ हो ना हो ,
थोड़ी कमी में चश्मा भी ,काम चलाता है ,
दृष्टिकोण जरूर स्वस्थ होना चाहिए ,
उसकी कमी में तो कोई, चश्मा नहीं काम चलाता है |
दृष्टिकोण को ठीक करने के लिए ,
तो केवल अपनी सोच है दोस्तों ,
कोई भी चश्मा उसे ,ठीक नहीं कर सकता है |
सोच से ही हम ,अपना दृष्टिकोण बदल सकते हैं ,
प्यार में डूबकर ही ,
दृष्टिकोण को बेहतर बना सकते हैं |
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