Monday, February 13, 2023

KALAM ( GEET )

 

                              कलम 


कलम हमारी चलती जाए ,शब्दों का भंडार सजाए ,

दोस्तों को ये प्यार पहुँचाए ,रंगों में खुद ही रंग जाए | 


मीठे गीत सुनाती जाए ,सबको गले लगाती जाए ,

मीठी चाशनी में शब्द डुबाकर ,मीठा स्वाद दिलाती जाए | 


कभी जोड़ के शब्दों को ,कविता हमें सुनाती जाए ,

कभी मरोड़े शब्द अनेक ,और ये गीत बनाती जाए | 


कभी ना करती किसी में भेद सबको एक समझती जाए ,

बाँटे प्यार  सभी में ये ,नफरत को ये दूर भगाए  | 


No comments:

Post a Comment