कलम
कलम हमारी चलती जाए ,शब्दों का भंडार सजाए ,
दोस्तों को ये प्यार पहुँचाए ,रंगों में खुद ही रंग जाए |
मीठे गीत सुनाती जाए ,सबको गले लगाती जाए ,
मीठी चाशनी में शब्द डुबाकर ,मीठा स्वाद दिलाती जाए |
कभी जोड़ के शब्दों को ,कविता हमें सुनाती जाए ,
कभी मरोड़े शब्द अनेक ,और ये गीत बनाती जाए |
कभी ना करती किसी में भेद सबको एक समझती जाए ,
बाँटे प्यार सभी में ये ,नफरत को ये दूर भगाए |
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