मैं हूँ कहाँ ?
आया वसंत ,छाया वसंत ,ऋतुराज है आया सखि ,
हरियाली के बीच में ,फूले हैं फूल ये सुंदर सखि ,
खुश्बुओं ने भरमाया है दिल,आया है ऋतुराज सखि |
दिल उड़ चला खुश्बू के साथ ,
दिल मचल गया फूलों के साथ ,
दुनिया भी छोटी पड़ गई,दिल में जहां समाया सखि |
मैं खो गई जाने कहाँ ? ये कौन सा है नया जहां ,
ढूँढो मुझे यहाँ ,वहाँ ,मैं हूँ कहाँ ?
मैं हूँ कहाँ ? जरा बता तो मेरी सखि |
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