Monday, September 30, 2024

MAIN TUMHARII HOON ( PREM )

 

                                 मैं तुम्हारी हूँ 


मैं तुम्हारी हूँ ,हाँ ,मैं तुम्हारी  हूँ ,

मगर क्या यह पूर्ण सत्य है ? 

कि मैं सिर्फ तुम्हारी ही हूँ ? 


सोचो तो जरा ,ईश्वर मेरा है ,मैं उसकी हूँ ,

यह प्रकृति मेरी है ,और मैं उसकी हूँ ,

सूरज ,चाँद ,तारे ,बदरा ,पवन दामिनी ,

गीत ,संगीत ,मेरी लेखनी ,मैं इनकी हूँ || 


मेरा परिवार ,मेरे दोस्त ,पड़ोसी ,

और यह समाज ,मैं सभी की हूँ ,

मेरा देश ,ये दुनिया ,मेरे कर्म ,मेरे कर्तव्य पथ ,

मैं इन सब की हूँ ,

तो तुम ही बताओ ,मैं कैसे कह दूँ ?

कि मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी  हूँ ,

मगर भरोसा करो मेरा ,कि मैं तुम्हारी हूँ || 


Sunday, September 29, 2024

UJAALON SE ( KSHANIKAA )

 

                                उजालों से 


हर किसी के घर में ,तुम जो ,

बिजली ना दे सको , तो क्या ? 

मिट्टी का दीया ही जला दो यारों ,

घर के अंधेरों को ,दूर कर दो यारों || 


दीया जलाने ,जब जाओगे तुम यारों ,

हाथ में दीये का उजाला ,

तुम्हें भी  उजाला देगा ,उसी उजाले से ,

तुम्हारा भी तो ,चेहरा चमकेगा यारों  || 


दूसरे के घर में ,दीया जलाना शुभ है ,

उनके घर उजाला फैला ,तो तुम्हारा भी तो ,

चेहरा चमक उठा है ,आँखें चमक उठीं हैं यारों || 


रुकना नहीं ,ऐसे ही चलते जाना यारों ,

जीवन सुंदर और सुन्दरतम  बना लो यारों ,

सभी के जीवन को ,उजालों से भर दो यारों || 


NIRNAY KARTTA ( KSHANIKAA )

 

                               निर्णय कर्त्ता 


जीवन में कोई भी ,फैसला करने पर ,

हम सोचते हैं कि ,हमने फैसला किया ,

हम इसी गलतफहमी में ,डूबे रहते हैं ,

कि यह फैसला ,यह निर्णय हमने लिया || 

 

मगर सच्चाई ,कुछ अलग होती है दोस्तों ,

वह निर्णय हमारा नहीं ,वक्त का होता है ,

वक्त ही  निर्णय  लेता है ,हमारे लिए ,

शायद वही हमारा ,निर्णय कर्त्ता है दोस्तों || 


वक्त ही तो हमारा ,दोस्त है ,

हमारा परिवार ,हमारा प्यार  है ,

तभी तो वह ,हमारे लिए एक ,

शुभचिंतक बन कर ,हर निर्णय ,

ले लेता है ,निर्णय कर लेता है ,

निर्णय कर्त्ता बन कर दोस्तों || 

 

Thursday, September 26, 2024

ADHYAAPAN ( KSHANIKAA )

 

                             अध्यापन 


दुनिया में कार्य बहुत हैं ,अलग - अलग क्षेत्र में ,

उन्हीं में से एक है अध्यापन ,एक सम्माननीय क्षेत्र में ,

इस कार्य से समाज और देश में ,

विकास तेजी से होता है || 


पुराने समय में अध्यापन ,गुरुकुलों में होता था ,

शिष्य गुरुकुल में जाकर ही ,ज्ञान अर्जित करते थे ,

वहीं रहकर ,शिष्य गुरु की आज्ञा का पालन ,

श्रद्धा पूर्वक करते थे || 


आज शिक्षा ग्रहण का ,रूप बदल गया है ,

शिष्य - गुरु परंपरा समाप्त हो गई है ,

विद्यार्थी विद्यालय में जाकर ,शिक्षा प्राप्त करते हैं ,

अध्यापक उन्हें हर विषय का ज्ञान देते हैं ,

विद्यार्थी और उसके माता - पिता ,विद्यालय को ,

धन द्वारा ,फीस देते हैं ,आज शिक्षण द्वारा ,

हर क्षेत्र के लिए ,योग्यताएँ तैयार करते हैं ,

जिससे हर क्षेत्र में कार्य हो सके ,

जिससे समाज और देश विकसित हों || 


Wednesday, September 25, 2024

INSAANIYAT ( KSHANIKAA )

 

                       इंसानियत  


जग में फैली फूलों की खुश्बु ,

मेरी साँसें महकीं ,तेरी साँसें महकीं ,

सारी दुनिया भरी महक से ,

मैं भी महकी ,तू भी महका ,

साथ - साथ ये जीवन महका || 


रंगों से दुनिया रंगीन हुई ,

मैं भी रंग गई ,तू भी रंग गया ,

सपने में इंद्रधनुष जो छाया ,

गगन भी पूरा रंग गया || 


ये रंग ,ये महक ,खुशियाँ देने वाले हैं ,

मगर इन सबसे बड़े हैं ,

इंसानियत के रंग ,इंसानियत की महक ,

इंसानियत और मानवता निभाते हुए ,

किसी की मदद करोगे ,या किसी के ,

होठों पर मुस्कानों के फूल खिलाओगे ,

तो उसके रंग और महक में ,

तुम भी रंग जाओगे ,तुम भी महक जाओगे ,

तो शुरु कर दो दोस्तों || 


Tuesday, September 24, 2024

MAHAK ( KSHANIKAA )

 

                                    महक 


पेड़ों की सुंदरता का विवरण उसकी ,

पत्तियों ,फूलों ,फलों आदि से किया जाता है ,

मनुष्य के बारे में ,उसके ,

आचार -विचार ,उसके कर्मों से किया जाता है ,

पेड़ों के गुण ,उसके सभी ,

भागों के गुणों पर निर्भर हैं  ,

मनुष्य के गुण ,उसके व्यवहार ,

उसके कर्मों के गुणों पर निर्भर हैं || 


जैसे पेड़ों के गुण ,और उनकी महक ,

दूर तक फैलती है ,

वैसे ही मनुष्य के गुण ,और उनकी महक ,

दूर तक फैलती है || 


तो अपने गुणों को ,विकसित कर लो दोस्तों ,

ताकि उनकी महक ,दूर -दूर तक ,फ़ैल जाए दोस्तों || 



Monday, September 23, 2024

AANAND ( JIVAN )

 

                             आनंद 


हमारी धरा ,हमारी प्रकृति ,देती है हमें सब कुछ ,

कितने ही मौसम ,कितनी ही ऋतुएँ ,हैं आती -जाती ? 

हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


हर मौसम शुरु होता है , तो बदल जाता है ,

हमारा खानपान ,हमारी वेशभूषा ,हमारा समय ,

और हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


जो संसार में आता है ,वह वापिस जाता है दुनिया से ,

इसी तरह ,जो मौसम शुरु होता है ,

वह ख़त्म भी होता है ,यानि मौसम  का ,

अंत भी होता है ,और अपने पीछे आनंद छोड़ जाता है || 


अंत का भी अंत होता है ,

अनंत कुछ भी नहीं है ,यहाँ इस दुनिया में ,

देखो ना पूरे साल में ,पतझड़ भी आता है ,

समझो जरा ,पूरे साल बसंत नहीं होता ,

और हम आनंद लेते हैं ,हर मौसम का ,हर ऋतु का || 


Sunday, September 22, 2024

ACHCHHE DIN ( JIVAN )

 

                          अच्छे दिन 


अच्छे दिन आएँगे ,सुनते - सुनते हमने ,

भी विश्वास किया और ,

इंतजार किया , हमने अच्छे दिनों का ,

करते रहे इंतजार ,करते रहे इंतजार ,

दिन बिताते रहे ,समय उड़ता रहा || 

 

ऐसा करते - करते ,वर्षों पर वर्ष बीतते गए ,

और वह दिन भी आया ,कि उम्र ही गुजर गई ,

जब  यह  समझ आया ,तो पीछे  मुड़कर  देखा ,

बीते दिनों की ओर ,और चौंक गए || 

 

अरे ! वो दिन तो ,बहुत अच्छे थे ,

और हम आगे के ,अच्छे दिनों का ,

इंतजार कर रहे थे ,उन अनजान दिनों का ,

जिनके बारे में हम ,कुछ भी नहीं जानते थे || 

 

काश हम जान पाते ,कि जो आज है ,

वही अच्छा है ,उसी को अच्छे से ,

जी लो ,वर्तमान समय ही ,

सबसे अच्छा होता है ,  

इसी बात को जान लो दोस्तों || 

 

Saturday, September 21, 2024

SANVAARTI ( JIVAN )


                      संवारती 


ख्वाहिशों का पिंजरा ,एक बार जिसे जकड़ता है ,

उसे अपने अंदर ही ,ताकत से पकड़ता है ,

उसकी पकड़ में फँसने पर ,कुछ ख्वाहिशें ,

टूट भी जाती हैं ,मगर फिर भी ,

नई ख्वाहिशें पनपती ही जाती हैं || 


हमारी ख्वाहिशें ,कुछ पूरी हुईं और ,

कुछ टूटीं ,मगर नई ख्वाहिशें जो जन्मीं ,

उन्हें पूरी करने के लिए दोस्तों ,

हमें उपाय तो करना ही होगा ,

कुछ परिश्रम तो करना ही होगा || 


दिल और दिमाग में ,पैदा हुई ख्वाहिशें ,

जैसे - जैसे पूरी होती हैं  ,

खुशियों भरी मुस्कान खिलाती हैं ,

वही मुस्कान जीवन को सुंदर और ,

मनमोहक बना कर संवारती है || 


KHAJAANA ANOKHAA ( PREM )

 

                          खजाना अनोखा 


कभी भी परेशानी में ,किसी भी उलझन में ,

धैर्य बनाए रखो दोस्तों ,धैर्य रखने पर ,

थोड़ा समय बीतने पर ,परेशानी से निकलने का ,

रास्ता निकाल सकते हैं दोस्तों ,

किसी भी समस्या की सुलझन का ,

रास्ता निकाल सकते हैं दोस्तों || 


अपनी उलझनों को ,अपनी परेशानियों को 

दूर कर दोगे जब ,दूसरों की जरूरतों के समय पर ,

कुछ वक्त दूसरों को भी दो दोस्तों ,

तभी तो तुम्हारे ,व्यक्तित्व की चमक बढ़ेगी दोस्तों ,

सभी  के दिल में ,तुम स्थान पाओगे ,

जब उनकी मुस्कानें बढ़ाओगे दोस्तों || 

 

तो चलो शुरु करते हैं यह काम ,

यही रास्ता अपना लेते हैं ,

दौड़ पड़ते हैं,साथ में ले लेते हैं ,

मुस्कानों का अनोखा खजाना ,

और बाँटते चले जाते हैं ,मुस्कानें सभी को || 

 


Thursday, September 19, 2024

HIMMAT ( JIVAN )

 

                                     हिम्मत 


डरते - डरते ना करो ,कभी भी कोई काम ,

या तो जीत मिलेगी ,नहीं तो सीख तुम्हारे नाम ,

सीख तुम्हारे नाम ,जरा तो तुम मुस्काओ ,

मुस्का - मुस्का कर ही ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


डर -डर के जो काम किया ,सदा बिगड़ वो जाय ,

डरने से तो दोस्तों ,सेहत भी बिगड़ी जाय ,

सेहत भी बिगड़ी जाय ,तो तुम हिम्मत मत हारो ,

हिम्मत की पतवार चला ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


हिम्मत में गुण बहुत हैं ,सदा राखिए संग ,

जहाँ जरूरत पड़ेगी ,हिम्मत ही तो संग ,

हिम्मत ही तो संग ,कमजोरी ना अपनाओ ,

हिम्मत करके ही ,तुम सीख का जश्न मनाओ || 


Wednesday, September 18, 2024

AA VE AA ( GEET )

 

                     आ वे आ 

 

 मेरे बचपन तू आ आ ,इस उम्र को ले जा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता,

छाईं काली घटा ,आईं ठंडी हवा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 


कितने मौसम बीत गए ? समय को पंख लग गए ,

जाने मेरे पैरों को कब ? पंख लगाएँ परियाँ ,

ऐसा जल्दी हो जाए ,कुछ देर ना लगा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 


बेरियाँ नुँ बेर लग गए ,वे तौबा ,

फूलों से झुक गईं डालियाँ ,

जाने मेरे बालों से कब ,बन पाएँगी दो चोटियाँ ,

लंबी - लंबी चोटी में ,तू परांदी तो  लगा ,

आ वे आ ,तैनूँ रब दा वास्ता || 



Tuesday, September 17, 2024

DHAAM BAPPAA KAA ( AADHYAATMIK )

 

                           धाम बप्पा का 


गए हैं बप्पा अपने धाम ,खाली कर गए हैं मकान ,

वो तो पहुँच गायब अपने ,माता - पिता के धाम || 


पाएँगे प्यार अपने माता - पिता से ,

करेंगे बातें अपने माता - पिता से ,

खुश होंगे ,खुशियों को पाएँगे ,अपने माता -पिता से || 


ये खुशियाँ वो इकट्ठी कर ,बाधेंगे आँचल में ,

अगले बरस तभी तो ,बाँटेंगे अपने भक्तों में ,

खुशियों का खजाना लेके ,वो लौटेंगे भक्तों के धाम || 


भक्तों को अभी से ,इंतजार है अगले बरस का ,

हम भी उन्हीं में शामिल हैं ,हम भी उन्हीं में शामिल हैं ,

हम भी बुलाएँगे बप्पा को अपने धाम || 


Monday, September 16, 2024

MADHURAM ( JIVAN )

 

                         मधुरं 


सत्यं ,शिवम् ,सुंदरं ,जीवन हुआ मधुरं ,

प्रकृति की गोद में छिपकर ,बंधु जीवन हुआ मधुरं ,

तभी तो जीवन में ,कठिनाई हुई मध्यम || 


रंगों का इंद्रधनुष खिला ,हमारे अँगना ,

तभी तो दुःख दूर भागे ,चले हमारे संग ना ,

मुस्कानें खिल गईं होठों पे ,उदासी हुई कम ,कम || 


सोच में सुंदरता का कमल खिल गया ,

फूलों का मानो ,बगीचा महक गया ,

ऐसे में ही तो ,महक में डूब गए हम ,हम || 


Sunday, September 15, 2024

DUSHMAN BHI JAROORI HAIN | ( KSHANIKAA )

 

                    दुश्मन  भी जरूरी हैं | 

 

जिंदगी में खुश रहने के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

मुस्कानों और ठहाकों के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

सैर - सपाटों के लिए भी ,दोस्तों का साथ चाहिए ,

पिकनिक और पार्टी के लिए ,दोस्तों का साथ चाहिए || 

 

मगर क्या आपको पता है दोस्तों ?

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए ,

दुश्मन जरूर चाहिए ,

ऊँचाइयों को छूने के लिए ,दुश्मन जरूर चाहिए ,

मेहनत का  दरिया पार करने के लिए ,

दुश्मन जरूर चाहिए  ||

 

क्योंकि प्रेरणा हमें वही देते हैं ,

उन्हीं के रोकने से ,हम पाते हैं ,

आगे बढ़ने की प्रेरणा ,इसलिए ,

दोस्तों के साथ - साथ ,दुश्मन भी जरूरी है ,

दुश्मन भी बहुत जरूरी है || 



Saturday, September 14, 2024

HAR PAL JIVAN , HAR PAL MAUT ( JIVAN )

 

                       हर पल जीवन ,हर पल  मौत 


सुना बहुत है दोस्तों ,जिंदगी एक बार मिलती है ,

नहीं ,नहीं  दोस्तों ,जिंदगी तो रोज ही मिलती है || 


नींद से जागे हम ,वही नवजीवन है ,

गमले में बीज जो बोये ,नवांकुर निकले ,

जब पहला फूल खिला ,वही नवजीवन है || 


पहला गीत गुनगुनाया ,वही नवजीवन है ,

थिरकने को कदम बढ़ाया ,वही नवजीवन है ,

मत सोचो कि जिंदगी ,एक बार मिलती है ,

हर सुंदर पल में ,मिलता नवजीवन है || 

 

इसी तरह मौत भी दोस्तों ,बहुत बार मिलती है ,

अपनों ने जब   दुत्कारा ,वही तो मौत है ,

अपनों ने जब धिक्कारा ,वही तो मौत है ,

रात को नींद आती है ,वह भी तो मौत है ,

जिस नींद में सपने ना हों ,वही तो मौत है ,

तो दोस्तों हर पल ही जीवन है ,हर पल ही मौत है || 


Friday, September 13, 2024

MAAN KII BINDI - HINDI ( DESH )

 

                         माँ की बिंदी - हिंदी 


हिंदी दिवस की आप सब को बहुत -बहुत बधाई ,

मेरी भावनाओं को पढ़कर राय दीजिएगा ---


भारत माता के माथे की बिंदी ,

ये है चमकती हिंदी , हिंदी ,

शुद्ध ,सरल सी है यह भाषा ,

प्रीत ,प्रेम और प्यार की भाषा ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


सरगम बनी है इस हिंदी से ,

गीत सजे हैं इस हिंदी से ,

कविता का यह रूप सजाती ,

होठों पर मुस्कानये लाती ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


माता की लोरी सजती इसी से ,

पिता का प्यार बरसता इसी से ,

राखी के धागे बुनते इसी से ,

आराधनाएँ रचतीं इसी से ,

ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी || 


THAHAAKE ( DOHA )

 

                           ठहाके 


मुस्कुराहटों के फूल ,होठों पे सजा लो यारों ,

जिंदगी में सुंदर सी ,कलियों को चटखा लो यारों || 


दिन - ब -दिन ,जिंदगी बीतती जाती है ,

उसकी यादों को ,मुस्कानों से सजा लो यारों || 


कदम बढ़ा कर ,थाम लो हाथ दोस्तों का ,

उन्हीं के साथ ,ठहाके भी लगा लो यारों || 


अगर दूर हो जाओ ,तुम दोस्तों से कभी भी ,

जल्दी ,जरा जल्दी ही ,मोबाईल तो मिला लो यारों || 


उम्र का नंबर तो ,बढ़ता ही रहेगा दोस्तों ,

दोस्तों की संख्या भी तो ,तुम बढ़ा लो यारों ||


Wednesday, September 11, 2024

BHAAVNAAEN ( KSHANIKAA )

 

                               भावनाएँ 


प्यार किया इंसान से ,प्यार दिया इंसान को ,

कमजोर किया उसने हमें ,

प्यार किया भगवान से ,प्यार दिया भगवान को ,

मजबूत किया उसने हमें || 


वही देता है वह शक्ति ,वही देता है वह ताकत ,

दुनिया में जीना ,सिखाया उसने हमें ,

वह ही असली ताकत है ,वह ही असली हिम्मत है ,

विश्वास दिया उसने हमें || 


हिम्मत और विश्वास से ही ,जो प्यार पैदा होगा ,

वह कमजोरी नहीं लाएगा ,

वही प्यार इंसान के दिल में पनपेगा ,

और इंसान के दिल तक पहुँचाएगा हमें ,

पूरे जग के दिलों तक पहुँच कर ,

उनका विश्वास दिलाएगा हमें || 

 

Tuesday, September 10, 2024

NEEND ( KSHANIKAA )

                    

                         नींद 


दिन और रात का समय ,बनाया धरा ने ,

ये समय बनाया गया ,रवि के साथ मिलकर ,

धरा जब घूम जाती  है ,अपनी धुरी पर ,

आधी धरा में ,दिन है निकलता ,

आधी पर रात होती है || 


दिन में मानव करता है ,अपनी दिनचर्या का काम ,

मगर रात को मानव ,करता है पूर्ण आराम ,

रात में नींद है आती ,जो मानव को है सुलाती ,

तभी तो मानव कर लेता ,विश्राम और विश्राम || 


नींद तो सुंदर ,सुंदर ,बहुत सुंदर सी है क्रिया ,

मानव को वह सुला देती ,पूर्ण विश्राम है कराती ,

सभी भावनाओं को ,दिन की थकावटों को ,

यह नींद ही भुला देती ,भुला देती || 


नहीं अहसास रहता है ,उस समय कोई ,

जब मानव है सोया ,गहरी नींद में वो खोया ,

अक्सर सपने तो आते हैं ,पूरी दुनिया घुमाते हैं ,

मानव के भावों को भुलाकर ,वह खिलखिलाते हैं || 

 

Monday, September 9, 2024

CHHOTAA SAMAY ( KSHANIKAA )

 

                            छोटा समय 


जीवन की राहें ,लंबी हैं दोस्तों ,

चलते - चलते ,समय बीत रहा दोस्तों ,

लंबी सी राहें ,तो पार हो गईं हैं ,

छोटा सा हिस्सा ही ,तो बाकि पड़ा है || 


बहुत मेहनतों से ,पार हुईं हैं ये ,

बहुत सी अड़चनें ,आईं इस राह में ,

मगर मेहनतों से ,आए हम यहाँ तक ,

अब तो छोटा रास्ता ,बाकि पड़ा है || 


आगे का समय तुम तो ,हँस कर बिता लो ,

उम्मीदों में डूबे ,आशाएँ खिला लो ,

यह समय मुस्का कर बीता ,

तो पिछली मेहनत सफल होगी ,

खुशियों में डूबी दोस्तों ,कल की सुबह होगी ,

दोस्तों कल की सुबह होगी || 


Saturday, September 7, 2024

SHAANT CHAAL ( JIVAN )

 

                            शांत चाल 


मिला है जीवन हमें ,मिला है समय हमें ,

साँसें मिलीं ,धड़कन मिली दिल में ,

मगर सब कुछ सीमित है ,यही हमारा धन है ,

बढ़ेगा बिल्कुल नहीं ,ध्यान रखिएगा || 


कमाए हुए धन को ,खर्च करते हैं हम ,

मगर सोच समझ कर ,बचत करते हैं हम ,

इसी तरह ,साँसें ,समय को ,

धीरे - धीरे ,खर्च करते रहें हम ,

थोड़ी -थोड़ी बचत करते हुए || 


धड़कनों को तेज ना होने दें ,

धड़कनों को बहुत धीमा ना होने दें ,

जीवन को शांति से गुजरने दें ,

तेज दौड़ना नहीं ,शांत चाल से चलते रहिए || 


शांत चाल ,शांत जीवन ,यही सब ,

तो स्वस्थ मन ,स्वस्थ दिमाग की पहचान है ,

 इन सब को अपनाओगे तो ,

अच्छा स्वास्थ्य भी आपको अपनाए रखेगा || 

 


JOOTE KII AATMKATHA ( BAAL SAAHITYA )

 

                            जूते की आत्मकथा 

यह आत्मकथा मेरे नाती अंश अरोरा 

( कक्षा - 6 ) की लिखी हुई है | कृपया 

पढ़कर अपनी राय दें और अंश को 

आशीष दें || 


सभी लोग मुझे अपने पैरों में पहनते हैं | मैं 

कारखानों में बनाया जाता हूँ | मैं लोगों के 

पैरों की रक्षा करता हूँ | बताओ तो जरा --

-- मैं कौन हूँ ? 

आपने क्या जवाब दिया ? मैं एक जूता हूँ | 

" हाँ जी ! मैं एक जूता हूँ "| सही जवाब || 


मेरा जन्म एक कारखाने में हुआ था | मैं 

काले रंग के चमड़े से बना जूता हूँ | मेरे 

बहन - भाई अलग - अलग रंग और सामान 

से बने हैं | लाल ,पीला ,सफ़ेद आदि रंग और 

कपड़े ,प्लास्टिक ,धातु आदि से मेरे भाई -

बहन बने हैं | 

एक दिन एक आदमी ने मुझे दुकान दार 

से खरीदा | वह मुझे प्रतिदिन पहन कर

 ऑफिस जाता था | रोज मुझे पॉलिश करके 

चमकाता था | जिससे मैं अच्छा दिखाई दूँ | 

             एक दिन उस आदमी को ठोकर 

लग गई ,जिससे मुझे चोट लग गई ,और मैं 

फट गया | उस आदमी ने मुझे अलमारी में 

रख दिया | उसके बाद वह आदमी मुझे भूल 

गया | कुछ दिन बाद उसने मुझे देखा  और  

उसने मुझे   कूड़े दान में   डाल दिया || 

                मुझे बहुत दुःख हुआ | पर फिर 

भी मैंने अपना हौसला बटोरा | अब मैंने 

सोचा कि जल्दी ही मैं एक नया जूता बनकर 

किसी और की मदद करूँगा और उसके 

पैरों की रक्षा करूँगा || 

आप सबने मेरी आत्मकथा सुनी | आप सब 

का बहुत - बहुत धन्यवाद || 

 





Thursday, September 5, 2024

JANM DIN CHANDRAMAA KAA ( CHANDRAMA )

 

                       जन्म दिन चंद्रमा का 


कल चाँदनी उतर कर ,आई मेरे पास ,

चलो सखि चंद्रमा के घर ,जन्म दिन है उसका ,

मैं ख़ुशी -ख़ुशी ,चल दी उपहार लेकर || 


पहुँचे जब चंद्रमा के अँगना ,तारों की बारात थी वहाँ ,

नन्हें तारे खिलखिलाते ,खेलते थे पार्टी में ,

हम भी शामिल हो गए ,तारों के साथ में || 


चंद्रमा जी आए ,तैयार हो कर ,

मुस्कुराहटों से सजे ,खुशियों के साथ में ,

चाँदनी से मिले तो ,और झिलमिल हो गए ,

तारों से मिलकर तो मानो ,खो गए ,जी खो गए || 


जन्म दिन का गीत गाया ,मिलकर सभी ने ,

हैप्पी बर्थडे टू यू से ,गूँजा गगना ,

केक काटा ,मुस्कान के साथ चंद्रमा जी ने ,

उपहार दिए ,चंद्रमा जी को सभी ने || 


सबसे पहले केक खाया सभी ने ,

फिर तो टूट पड़े सभी ,विभिन्न ,स्वादिष्ट व्यंजनों पर ,

व्यंजनों के बाद ,मिष्टान्न उड़ाए गए ,

बाद में सभी ने नृत्य किया ,

और फिर दोस्तों हम लौट आए || 


Tuesday, September 3, 2024

JANM DIN JALAD KAA ( JALAD AA )

 

                       जन्म दिन जलद का 


आए  जलद काले - काले ,बरखा का साया लेकर ,

आया याद मुझे ,आज है ,जन्म दिन जलद का ,

सोचा चलो पार्टी करते हैं ,पवन ,दामिनी के संग  || 


किया फोन दोनों को बुलाया ,योजना बनी पार्टी की ,

की खरीदारी उपहारों की ,और जरूरतें पार्टी की ,

चल दिए तीनों हम ,गगना के अँगना करने पार्टी || 


जलद चकित था ,साथ ही खुश था ,हमें देखकर ,

और हम भी खुश थे दोस्तों ,जलद की ख़ुशी देखकर ,

फोन किया सूरज को ,उसे बुलाया जलद के घर ,

आए चंदा - तारे भी ,सभी खुश थे मिलकर || 

 

चंदा जी ले आए केक ,तारों ने उसे सजाया ,

सभी ने मिलकर ,ख़ुशी - ख़ुशी ,जन्म दिन का गीत गाया ,

हैप्पी बर्थ डे  टू यू के स्वर से ,गगना को गुँजाया || 


खाते -पीते ,डांसकरते ,पार्टी बढ़ चली ,

हम सब को बहुत - बहुत ख़ुशी मिली ,

समय बिताकर ,मस्ती करके , यादें लिए ,

खुश -खुश , हम सब अपने -अपने घर लौटे ||

 

Monday, September 2, 2024

MAUJ MANAO ( JIVAN )

 

                         मौज मनाओ 


दुनिया वाले ,कुछ तो कहते ही रहते हैं ,

दुनिया वालों को ,कहने दो ,बोलने दो ,

बोलने तो दो मगर ,दिल में में जमा मत कर लेना ,

दिल में सब बातें जमा कीं ,तो दोस्तों ,

वह बातें जहर में बदल जाएँगी ,

और जिंदगी मर जाएगी दोस्तों  || 


दुनिया वालों की कही बातें ,

एक कान से सुनो और ,दूसरे कान से निकालो ,

अंदर उतर आए शब्दों को ,बाहर निकालकर ,

जहर बनने से पहले ,दिल को साफ़ करलो दोस्तों || 


दिल साफ़ होगा तोदोस्तों ,

जिंदगी मौज बन जाएगी ,

खुशियों का राज होगा दिल में ,

तो मौज मनाओ दोस्तों ,मौज मनाओ दोस्तों || 


Sunday, September 1, 2024

RATNAAKAR KAA JANM DIN ( RATNAAKAR )

 

                           रत्नाकर का जन्म दिन 


जन्म दिन आया ,रत्नाकर का ,मैं पहुँची सागर बीच ( किनारा ),

लहरों का मेला देख कर ,मैं पहुँची उनके बीच ( बीच में ) ,

लहरों ने जब देखा मुझको ,हाथ पकड़ ले चलीं ,

आओ सखि ! चलते हैं हम -तुम , रत्नाकर के घर || 


हम सब जब अंदर पहुँचे ,शोर मचा था अंदर ,

चंचल लहरें नाच रहीं थीं ,डूबी मस्ती में अंदर ,

हम सब मिल गए उन्हीं में , डूब मस्ती में अंदर || 


रत्नाकर सज -धज कर आया ,लगता था बहुत ही सुंदर ,

हैप्पी बर्थडे टू यू की गूँज में ,उठ खड़ा हुआ बवंडर ,

फिर आया केक दोस्तों ,कटा गया मुस्कानों में ,

बाँटा गया मुस्कानों में ,खाया गया मुस्कानों में || 


उपहार सभी ने दिए ,रत्नाकर था खुश - खुश ,

सभी से करते हुए बतियाँ ,नहीं किसी को रहने देता चुप ,

पार्टी में सभी  हो गए मस्त ,सभी हो गए मस्त || 


खाना -पीना ,डांस करना ,यही तो पार्टी थी ,

हम सब दोस्त खो गए ,लहरों की मस्ती में ,

चंचल लहरों को देख -देख ,हमारा मन भी चंचल था ,

और डांस के फर्श पर ,हम थिरकते गए ,हम थिरकते गए ||