माँ की बिंदी - हिंदी
हिंदी दिवस की आप सब को बहुत -बहुत बधाई ,
मेरी भावनाओं को पढ़कर राय दीजिएगा ---
भारत माता के माथे की बिंदी ,
ये है चमकती हिंदी , हिंदी ,
शुद्ध ,सरल सी है यह भाषा ,
प्रीत ,प्रेम और प्यार की भाषा ,
ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी ||
सरगम बनी है इस हिंदी से ,
गीत सजे हैं इस हिंदी से ,
कविता का यह रूप सजाती ,
होठों पर मुस्कानये लाती ,
ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी ||
माता की लोरी सजती इसी से ,
पिता का प्यार बरसता इसी से ,
राखी के धागे बुनते इसी से ,
आराधनाएँ रचतीं इसी से ,
ये है सुर ,लय ,ताल की हिंदी ||
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