इंसानियत
जग में फैली फूलों की खुश्बु ,
मेरी साँसें महकीं ,तेरी साँसें महकीं ,
सारी दुनिया भरी महक से ,
मैं भी महकी ,तू भी महका ,
साथ - साथ ये जीवन महका ||
रंगों से दुनिया रंगीन हुई ,
मैं भी रंग गई ,तू भी रंग गया ,
सपने में इंद्रधनुष जो छाया ,
गगन भी पूरा रंग गया ||
ये रंग ,ये महक ,खुशियाँ देने वाले हैं ,
मगर इन सबसे बड़े हैं ,
इंसानियत के रंग ,इंसानियत की महक ,
इंसानियत और मानवता निभाते हुए ,
किसी की मदद करोगे ,या किसी के ,
होठों पर मुस्कानों के फूल खिलाओगे ,
तो उसके रंग और महक में ,
तुम भी रंग जाओगे ,तुम भी महक जाओगे ,
तो शुरु कर दो दोस्तों ||
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