धाम बप्पा का
गए हैं बप्पा अपने धाम ,खाली कर गए हैं मकान ,
वो तो पहुँच गायब अपने ,माता - पिता के धाम ||
पाएँगे प्यार अपने माता - पिता से ,
करेंगे बातें अपने माता - पिता से ,
खुश होंगे ,खुशियों को पाएँगे ,अपने माता -पिता से ||
ये खुशियाँ वो इकट्ठी कर ,बाधेंगे आँचल में ,
अगले बरस तभी तो ,बाँटेंगे अपने भक्तों में ,
खुशियों का खजाना लेके ,वो लौटेंगे भक्तों के धाम ||
भक्तों को अभी से ,इंतजार है अगले बरस का ,
हम भी उन्हीं में शामिल हैं ,हम भी उन्हीं में शामिल हैं ,
हम भी बुलाएँगे बप्पा को अपने धाम ||
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