Tuesday, September 10, 2024

NEEND ( KSHANIKAA )

                    

                         नींद 


दिन और रात का समय ,बनाया धरा ने ,

ये समय बनाया गया ,रवि के साथ मिलकर ,

धरा जब घूम जाती  है ,अपनी धुरी पर ,

आधी धरा में ,दिन है निकलता ,

आधी पर रात होती है || 


दिन में मानव करता है ,अपनी दिनचर्या का काम ,

मगर रात को मानव ,करता है पूर्ण आराम ,

रात में नींद है आती ,जो मानव को है सुलाती ,

तभी तो मानव कर लेता ,विश्राम और विश्राम || 


नींद तो सुंदर ,सुंदर ,बहुत सुंदर सी है क्रिया ,

मानव को वह सुला देती ,पूर्ण विश्राम है कराती ,

सभी भावनाओं को ,दिन की थकावटों को ,

यह नींद ही भुला देती ,भुला देती || 


नहीं अहसास रहता है ,उस समय कोई ,

जब मानव है सोया ,गहरी नींद में वो खोया ,

अक्सर सपने तो आते हैं ,पूरी दुनिया घुमाते हैं ,

मानव के भावों को भुलाकर ,वह खिलखिलाते हैं || 

 

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