Wednesday, January 27, 2021

CHANDAN HAI MAATI ( GEET )

     चंदन है माटी 

 

चंदन है माटी अपने देस की ,

चंदन है माटी अपने खेत की ,

 खुश्बुओं से भरी हुई ,

शक्तियों से रची हुई ,

ऐसी है माटी अपने देस की | 


इसी का तिलक लगाओ तुम ,

इसी को शीश नवाओ तुम ,

प्यार करो इस माटी से ,

प्यारी है माटी अपने खेत की | 


जीवन ये देती है सबको ,

शक्ति ये देती है सबको ,

मुस्कान से भरती है सबको ,

ऐसी है माटी अपने देस की | 


इसी में उगती हैं फसलें ,

कृषक उगाता है सब फसलें ,

अन्नदाता है कृषक अगर ,

अन्नपूर्णा है माटी अपने खेत की | 

 

ये माटी वरदान हमारा ,

ये माटी अहसान धरा का ,

धरा जो देती हम हैं लेते ,

देन है माटी धरा की ,

अपने देस की ,अपने खेत की |   



No comments:

Post a Comment