Wednesday, January 6, 2021

ROOP JINDAGI KA ( JIVAN )

 

 रूप जिंदगी का 


कोयल की कुहुक नहीं ,

कौवे का राग है जिंदगी ,

पेड़ों की ठंडी छाँव नहीं ,

धूप की कड़ी तपिश है जिंदगी |


चिकनी सी सड़क नहीं ,

ऊबड़ - खाबड़ से राह है जिंदगी ,

सीधी -सादी राहों की नहीं ,

टेढ़ी -मेढ़ी पगडंडियों सी है जिंदगी |


झूठ के मेकअप से सजा फोटो नहीं ,

सच के आईने की इमेज है जिंदगी ,

खुशियों के आँसुओं से भरी आँखें ही नहीं ,

ग़मों के कारण आई नमी है जिंदगी |


झूठी मुस्कानों से खिलते होंठ नहीं ,

छिपाई गई आहों की पहचान है जिंदगी ,

जैसी भी है ये कोई बात नहीं है दोस्तों ,

दोस्तों के प्यार में डूबी रसमलाई है दोस्तों |



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