डायरी -- 5 ( 08 /01 /2021 )
मेरी डायरी मैं तुम्हें अपने एक अहसास
से परिचित कराना चाहती हूँ | वो अहसास
जो माँ बनने वाली लड़की को ही मिलता है |
जब मैं एक बेटी की माँ बनी ,तो उसे स्पर्श
करने पर जो अहसास मुझे हुआ ,उसको
बयां करना बहुत मुश्किल है | वह अहसास
आज भी मेरी धड़कनों में बसा है ,मगर शब्द
गायब हैं | उस नन्हीं गुड़िया को छूते ही उसकी
कोमलता दिल को तेजी से धड़का गई | वह मेरे
शरीर के अंदर पली है ,ये सोचकर कि वह मेरे
शरीर का अंश है ,मैं आज भी सिहरन महसूस कर
जाती हूँ | धन्यवाद डायरी ,मेरे अहसास को शेयर
करने के लिए |
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