डायरी --1 ( 04 /01 /2021 )
जिंदगी में पहली बार 2021 में डायरी
लिख रही हूँ | आज से बहुत पुरानी बात
है | कुछ मजबूरियाँ सभी की जिंदगी में
आती होंगी | मेरी जिंदगी में भी मजबूरी
आई | पति के एक्सीडेंट के बाद पति को
नौकरी छोड़नी पड़ी ,उस समय एक
गृहिणी घर को कैसे चलाए ?
धन की आवश्यकता तो होती ही है | ऐसे
में कैसे और क्या हो ? कुछ समझ में नहीं
आ रहा था |
तभी मेरे बेटे के स्कूल की इंचार्ज ने ( मेरा
बेटा कक्षा -1 में पढ़ रहा था ) मुझे स्कूल
( नर्सरी ) में बुलाया और दैनिक वेतन पर
अध्यापन कार्य दिया | कृतज्ञता से मेरी आँखें
नम हो आईं | ऐसे व्यक्ति भी दुनिया में होते
हैं | धन्यवाद उन्हें बहुत -बहुत ,जो निस्वार्थ
भाव से ही दूसरों की मदद करते हैं |
एक बार फिर से उनका धन्यवाद |
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